राजधानी भोपाल की सड़कों पर दौड़ेंगी 100 इलेक्ट्रिक बसें, नए साल से होगी शुरुआत

भोपाल 
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सार्वजनिक परिवहन के हाल इन दिनों कुछ ठीक नहीं है। पिछले एक साल में ढाई सौ के करीब सिटी बसों का संचालन ठप्प पड़ गया है। नए साल में नगर निगम की ओर से दावा किया जा रहा है कि 100 ई-बसें चलेंगी। जिससे आम आदमी को बड़ी मिलेगी।

पहले चरण में मिलेंगी 100 ई-बसें

पहले चरण में पीएम ई-बस सेवा के तहत 100 बसें मिलेंगी। इसके लिए दो डिपो भी तैयार किए जा रहे हैं। जो कि बैरागढ़ और कस्तूरबा नगर में होंगे। जबकि, दूसरे चरण में 95 बसें आएंगी। जिनका डिपो आरिफ नगर और कोलार में बनाया जाएगा। 

पीएम ई-बस सेवा के फेस-1 में 100 बसें मिलेंगी। इसके लिए दो नए डिपो संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) और कस्तूरबा नगर में बनाए जा रहे हैं। नए बस ऑपरेटर का चयन भी हो चुका है। वहीं, दूसरे फेस में 95 बसें आएंगी। आरिफ नगर और कोलार रोड पर नए डिपो बनेंगे। इसके ऑपरेटर के चयन समेत अन्य प्रक्रिया बाकी है।

बता दें कि हुई जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सिटी बसों का मुद्दा भी उठा था। 368 में से सिर्फ 95 सिटी बसें चलने पर सांसद आलोक शर्मा ने भी हैरानी जताई। सांसद शर्मा ने निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण से पूछा था कि किस ऑपरेटर की कितनी बसें चल रही हैं, ये बताएं? इतनी संख्या में बसें क्यों बंद हुईं? जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को तो बढ़ाना चाहिए। सांसद की बात से विधायक भगवानदास सबनानी ने भी सहमति जताई थी।

सांसद बोले-पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मजबूत हो इस मामले में सांसद शर्मा ने कहा, भोपाल का पब्लिक ट्रांसपोर्ट मजबूत होना चाहिए। जब मैं भोपाल का महापौर था, तब छात्र-छात्राएं, दिव्यांगजन, महिला, सीनियर सिटीजन, कर्मचारियों को महापौर स्मार्ट पास का फायदा किया था। यदि महापौर स्मार्ट पास बनने फिर से शुरू होंगे तो सबको फायदा मिलेगा।

अब जानिए, आखिर बसों का संचालन क्यों बंद हुआ? भोपाल की सड़कों से एक साल में ढाई सौ सिटी बसें गायब होने का मुद्दा विधानसभा में भी उठा है। 25 रूट पर चलने वाली 368 बसों में से अभी सिर्फ 95 बसें ही दौड़ रही हैं। ऐसे में महिला, स्टूडेंट्स और नौकरीपेशा लोगों के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। हर रोज करीब 1 लाख लोग परेशान हो रहे हैं।

दरअसल, टिकट कलेक्शन पर विवाद, पेनल्टी और हाईकोर्ट में याचिका दायर होने से ऑपरेटर्स ने इन बसों का संचालन बंद कर दिया। इस पर हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न लगाया था।

पहले बीसीएलएल के जरिए 4 एजेंसी कर रही थीं संचालन भोपाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में सिटी बसों का संचालन BCLL (भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड) के जरिए 4 एजेंसी कर रही थीं। इनमें मां एसोसिएट्स, एपी मोटर्स, श्री दुर्गांबा और आई-मोबिलिटी एजेंसी शामिल हैं। ये एजेंसियां 25 रूट पर बसें चला रही थीं। इनमें से सबसे पहले पिछले साल 4 जुलाई को मां एसोसिएट्स ने 149 बसों का संचालन बंद किया था।

इसकी वजह इन बसों में टिकिट कलेक्शन करने वाली एजेंसी 'चलो एप' की ओर से प्रति​ किमी दी जाने वाली राशि घटाने की मांग थी। इस मामले में कोई निराकरण नहीं हुआ। ऐसे में इन बसों में रोजाना सफर करने वाले यात्री परेशान हैं। अन्य एजेंसियां भी अपने हाथ पीछे खींचने लगी।

दोगुनी होनी चाहिए बसों की संख्या एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का मुख्य माध्यम सिटी बसों की संख्या दोगुनी, यानी 800 होनी चाहिए। भविष्य में ई-बसों का संचालन भी होना है, लेकिन उसके उलट भोपाल से बसों की संख्या लगातार कम हो रही है।

शहर में ऑपरेटर की कितनी बसें चल रही है?- सांसद

 जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में सिटी बसों को लेकर सांसद आलोक शर्मा ने निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण से पूछा था कि किस ऑपरेटर की कितनी बसें चल रही हैं? इतनी संख्या में बसें क्यों बंद हुईं। जबकि सार्वजनिक परिवहन को और बढ़ाना चाहिए। सांसद ने स्पष्ट किया कि भोपाल का सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट मजबूत होना चाहिए।

क्यों बंद हुई थी बसें

टिकट कलेक्शन, पेनल्टी और हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद बसों का संचालन बंद कर दिया गया था। इसको लेकर रामेश्वर शर्मा ने एक साल के भीतर 250 बसें गायब होने का मुद्दा विधानसभा में उठाया गया था। भोपाल के अलग-अलग इलाकों में चलने वाली 368 बसों में से केवल 95 बसें ही दौड़ रही हैं। जिससे शहर के हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। 

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