मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शून्य घाटे वाला बजट पेश किया, फ्री बिजली और बस यात्रा किया एलान

जम्मू
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को विधानसभा में शून्य घाटे वाला बजट पेश किया, जिसमें 2025-2026 के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपये के खर्च की घोषणा की गई। केंद्र शासित प्रदेश के बहु-क्षेत्रीय कल्याण और विकास पर जोर दिया गया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त विभाग भी संभाल रहे अब्दुल्ला ने विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने अंत्योदय अन्न योजना परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की। जम्मू-कश्मीर की सभी महिलाओं को एक अप्रैल से ई-बसों सहित सभी सरकारी परिवहन में मुफ्त सफर की सुविधा प्रदान की जाएगी। विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए प्रशंसा की।

जम्मू-कश्मीर का साल 2018 के बाद से यह पहला वार्षिक बजट है। 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच, अब्दुल्ला ने एक फारसी दोहे के साथ अपना भाषण शुरू किया और कहा, "मैं आज वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश करने के लिए आपके सामने खड़ा हूं, जो सात वर्षों में सामूहिक सरकार का पहला बजट है। हालांकि यह एक सम्मान की बात है, लेकिन मैं इस महत्वपूर्ण मोड़ पर जम्मू-कश्मीर के वित्त का संरक्षक होने के साथ आने वाली जिम्मेदारी के भार से अच्छी तरह वाकिफ हूं।"

1,12,310 करोड़ रुपये का शुद्ध बजट
उन्होंने कहा कि यह एक नए और समृद्ध जम्मू-कश्मीर के लिए एक रोड मैप है, जो हमारे लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाता है और आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सतत विकास के लिए एक मजबूत नींव रखता है। अब्दुल्ला ने कहा, "वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल शुद्ध बजट अनुमान 1,12,310 करोड़ रुपये है, जिसमें वेज एंड मीन्स एडवांस और ओवरड्राफ्ट के प्रावधान शामिल नहीं हैं।" शून्य घाटे वाले बजट पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने कहा, “अपेक्षित राजस्व प्राप्तियां 97,982 करोड़ रुपये और पूंजीगत प्राप्तियां 14,328 करोड़ रुपये हैं। इसी तरह, राजस्व व्यय 79,703 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 32,607 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।”

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को विधानसभा में शून्य घाटे वाला बजट पेश किया, जिसमें 2025-2026 के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपये के खर्च की घोषणा की गई। केंद्र शासित प्रदेश के बहु-क्षेत्रीय कल्याण और विकास पर जोर दिया गया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त विभाग भी संभाल रहे अब्दुल्ला ने विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने अंत्योदय अन्न योजना परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की। जम्मू-कश्मीर की सभी महिलाओं को एक अप्रैल से ई-बसों सहित सभी सरकारी परिवहन में मुफ्त सफर की सुविधा प्रदान की जाएगी। विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए प्रशंसा की।

जम्मू-कश्मीर का साल 2018 के बाद से यह पहला वार्षिक बजट है। 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच, अब्दुल्ला ने एक फारसी दोहे के साथ अपना भाषण शुरू किया और कहा, "मैं आज वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश करने के लिए आपके सामने खड़ा हूं, जो सात वर्षों में सामूहिक सरकार का पहला बजट है। हालांकि यह एक सम्मान की बात है, लेकिन मैं इस महत्वपूर्ण मोड़ पर जम्मू-कश्मीर के वित्त का संरक्षक होने के साथ आने वाली जिम्मेदारी के भार से अच्छी तरह वाकिफ हूं।"

1,12,310 करोड़ रुपये का शुद्ध बजट
उन्होंने कहा कि यह एक नए और समृद्ध जम्मू-कश्मीर के लिए एक रोड मैप है, जो हमारे लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाता है और आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सतत विकास के लिए एक मजबूत नींव रखता है। अब्दुल्ला ने कहा, "वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल शुद्ध बजट अनुमान 1,12,310 करोड़ रुपये है, जिसमें वेज एंड मीन्स एडवांस और ओवरड्राफ्ट के प्रावधान शामिल नहीं हैं।" शून्य घाटे वाले बजट पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने कहा, "अपेक्षित राजस्व प्राप्तियां 97,982 करोड़ रुपये और पूंजीगत प्राप्तियां 14,328 करोड़ रुपये हैं। इसी तरह, राजस्व व्यय 79,703 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 32,607 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।"

'समावेशी विकास को प्राथमिकता'
अनुमानों के बारे में बातते हुए उन्होंने कहा कि सकल प्राप्तियां 1,40,309.99 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें 28,000 करोड़ रुपये के ओवरड्राफ्ट के प्रावधान शामिल हैं। अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि बजट में समावेशी विकास, राजकोषीय विवेक और बुनियादी ढांचे, कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और डिजिटल शासन में रणनीतिक निवेश को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य क्षेत्रीय असमानताओं को पाटना, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाना और निवेश और नवाचार को आकर्षित करने के लिए व्यवसाय के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना है।"

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