वंदे भारत एक्सप्रेस का डेब्यू हुए 6 साल बीते, 136 सेवाओं तक पहुंच चुकी

नई दिल्ली

सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस का डेब्यू हुए 6 साल बीत चुके हैं। 2019 से शुरू हुई रफ्तार की यह कहानी अब 136 सेवाओं तक पहुंच चुकी है। इनमें लगातार इजाफा भी जारी है। अब रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर वर्जन को भी पटरियों पर उतारने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही यात्री लंबी दूरी का सफर आराम से तय कर सकेंगे।

वंदे भारत ट्रेनें अब कई शताब्दी ट्रेन मार्गों पर उपलब्ध हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की सबसे तेज ट्रेन है और 180 किमी/घंटा तक की गति तक पहुंचने में सक्षम है। अब तक, यह दिल्ली और वाराणसी जैसे छोटे और मध्यम दूरी के प्रमुख शहरों को जोड़ती है।

कैसे हुई शुरुआत

15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई थी। 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत इन ट्रेनों को पटरियों पर उतारा गया था। आम ट्रेनों के मुकाबले वंदे भारत एक्सप्रेस रफ्तार से लेकर सुरक्षा स्तर तक कई सुविधाओं से लैस है।

क्या हैं विशेषताएं

वंदे भारत एक्सप्रेस में एग्जीक्यूटिव क्लास में रिक्लाइनिंग एर्गोनोमिक सीटें, सभी कोच में सीसीटीवी और हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग सॉकेट, ऑटोमैटिक दरवाजे, पेंट्री में हॉट केस, वॉटर कूलर, डीप फ्रीजर, हर कोच में आपातकालीन खिड़कियां, अलार्म पुश और टॉक बैक यूनिट्स हैं। ये ट्रेने 160 किमी की रफ्तार से दौड़ सकती हैं।

स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस

रेल मंत्रालय ने 3 जनवरी को बताया था कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने पिछले तीन दिनों में अपने कई परीक्षणों में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की है। जनवरी के अंत तक यह परीक्षण जारी रहेंगे। उसके बाद देश भर के रेल यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह विश्व-स्तरीय यात्रा उपलब्ध कराई जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका एक वीडियो भी एक्स पर पोस्ट किया था।

क्या होगा खास

इन वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को स्वचालित दरवाजे, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन बोर्ड वाई-फाई और विमान जैसी डिज़ाइन जैसी सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है। देश में यात्री पहले से ही मध्यम और छोटी दूरी पर चलने वाली 136 वंदे भारत ट्रेनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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