भारतीय रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष में 7,134 कोच बनाए, पिछले दशक में 5481 कोच बनाए थे, जो अब नया रिकॉर्ड

नई दिल्ली

भारतीय रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज करते हुए 7,134 कोच बनाए, आम आदमी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने पिछले दशक में 5481 कोच बनाए थे, जो अब नया रिकॉर्ड है। गैर-एसी सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारतीय रेलवे 2024-25 में 4,601 कोच बनाएगी।

रेल मंत्रालय के अनुसार, आईसीएफ चेन्नई ने 3,000 की वार्षिक सीमा को पार करते हुए 178 ज्यादा कोच बनाए, आरसीएफ कपूरथला ने 201 और एमसीएफ रायबरेली ने 341 ज्यादा कोच बनाकर रिकॉर्ड उत्पादन की प्रतिष्ठित यात्रा में योगदान दिया। यह वृद्धि, बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने के लिए रेलवे अवसंरचना के आधुनिकीकरण पर भारत के बढ़ते जोर को दर्शाती है।

घरेलू विनिर्माण में वृद्धि

आपको बता दें, 2004 से 2014 के बीच, भारतीय रेलवे ने प्रति वर्ष औसतन 3,300 से कम कोच का निर्माण किया। हालांकि, 2014 से 2024 के दौरान, उत्पादन में 54,809 कोचों के उत्पादन के साथ प्रति वर्ष औसतन 5,481 कोचों के उत्पादन के साथ बड़ी वृद्धि दर्ज की गई, जो रेलवे विनिर्माण में बेहतर परिवहन-संपर्क सुविधा पर जोर और आत्मनिर्भरता के अनुरूप है। यह विस्तार घरेलू उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने, आयात पर निर्भरता को कम करने और रेलवे डिजाइन में उन्नत प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

यात्री अनुभव और परिवहन-संपर्क सुविधा में सुधार

रिकॉर्ड कोच उत्पादन सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ विजन के अनुरूप है, जो घरेलू विनिर्माण को सक्षम करने के साथ-साथ बेहतर सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सुनिश्चित करता है। अधिक कोच पेश किए जाने से, यात्री बेहतर सुविधाओं, बढ़ी हुई सुरक्षा सुविधाओं और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बढ़ी हुई क्षमता की उम्मीद कर सकते हैं।

यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया पहल’ को मजबूत करती है

इसके अतिरिक्त, यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया पहल’ को मजबूत करती है, जिससे रेल-निर्माण में भारत की प्रमुख भूमिका को बल मिलता है। आधुनिक, ऊर्जा-कुशल और यात्री-अनुकूल कोचों पर ध्यान केंद्रित करके, भारतीय रेलवे एक अधिक मजबूत और भविष्य के लिए तैयार परिवहन नेटवर्क बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।

रेलवे विद्युतीकरण, हाई-स्पीड कॉरिडोर और उन्नत यात्री सेवाओं के चल रहे प्रयासों के साथ, बढ़ा हुआ कोच उत्पादन भारत की रेल परिवहन प्रणाली के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे लाखों यात्रियों के लिए अधिक दक्षता, आराम और पहुँच सुनिश्चित होगी।

 

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