अमरनाथ यात्रा सुरक्षा की जिम्मेदारी महिला सुरक्षाकर्मीयों पर, तीर्थयात्रियों का पहला जत्था जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना होगा

श्रीनगर 
 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा से पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भीषण गर्मी, उमस और दुश्मन की चालों के खतरे से बेपरवाह वर्दी पहने और एके राइफल से लैस महिला सुरक्षाकर्मी जम्मू सीमांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है।

3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा
तीन जुलाई से 38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा दो मार्गों से होकर गुजरती है। एक अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा पहलगाम मार्ग है। दूसरा गांदरबल जिले का 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है। यह छोटा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला रास्ता है। ये दोनों रास्ते 3,880 मीटर ऊंचे अमरनाथ गुफा मंदिर तक जाते है।

महिला सैनिक बॉर्डर पर कर रहीं गश्त
यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले तीर्थयात्रियों का पहला जत्था जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिवर से कश्मीर के लिए रवाना होगा। बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहने दुनिया के सबसे बड़े सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की महिला सैनिक सीमा पर गश्त लगाती हैं। निगरानी उपकरणों के साथ सीमा रेखा की निगरानी करती हैं और जम्मू, सांबा व कठुआ जिलों में एक उन्नत बहु-स्तरीय सुरक्षा ग्रिड के हिस्से के रूप में अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिन-रात अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करती हैं।

जोश है हाई
त्रि-स्तरीय सीमा बाड़बंदी के साथ गश्त कर रहे बीएसएफ के एक जवान ने बताया कि हम सीमा पर उच्च स्तर की सतर्कता बनाए हुए हैं। सीमा पार से किसी भी तरह की शरारत की स्थिति में, मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। यह पूछने पर कि मुंहतोड़ जवाब क्या होगा, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।

हाईटेक उपकरणों से हैं लैस
सातों दिन चौबीसों घंटे गश्त के अलावा बीएसएफ निगरानी उपकरणों, रात के समय अंधेरे में देखने में मदद करने वाले उपकरणों, ‘ग्राउंड सेंसर’ और उच्च क्षमता वाले कैमरों के साथ-साथ इलाके की निगरानी कर रही है। जवानों ने बताया कि वे भारत-पाकिस्तान सीमा पर होने वाली छोटी-छोटी हरकतों पर भी कड़ी नज़र रखते हैं और दिन-रात सतर्क रहते हैं।

इधर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा की व्यवस्था से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की। वह नुनवान और चंदनवाड़ी स्थित आधार शिविर पहुंचे। नुनवान आधार शिविर में उपराज्यपाल ने तीर्थयात्रियों की सुचारु आवाजाही के लिए एक ‘फुट ओवरब्रिज’ का उद्घाटन किया।

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