शनि 139 दिन के लिए होने जा रहे वक्री, इन 4 राशियों की शुरू होने वाली है कड़ी परीक्षा

13 जुलाई 2025 को शनि मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं और वह इस राशि में 28 नवंबर यानी लगभग 139 दिन तक वक्री अवस्था में रहेंगे. ज्योतिष में शनि को एक गंभीर या यहां तक कि संकीर्ण दृष्टिकोण वाला ग्रह माना जाता है. शनि एक कर्म प्रधान ग्रह हैं, जो न्याय, कर्म, अनुशासन, कड़ी मेहनत और गरीब व जरूरतमंद लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. अगर किसी व्यक्ति को शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, तो वह गरीब से राजा बन सकता है, जबकि अगर शनिदेव का अशुभ प्रभाव हों तो व्यक्ति को भारी नुकसान का डर रहता है. शनिदेव अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार परिणाम देता है और शनिदेव जिम्मेदारी और बाधाओं को पार करने की क्षमता का प्रतीक हैं. आज हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको शनि के वक्री अवस्था से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

शनि वक्री का वृषभ राशि पर प्रभाव
शनि वृषभ राशि के भाग्य और कर्म भाव के स्वामी हैं, जो अब आपके लाभ भाव में वक्री हो रहे हैं. इस समय के दौरान, जो सकारात्मक परिणाम आप प्राप्त कर रहे थे, वे कम हो सकते हैं. आपके अब तक के लाभ में कमी का डर है. अब आपको पहले से कम अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. आपको अपनी इच्छा के अनुसार परिणाम या फल नहीं मिल सकता. इस समय के दौरान लाभ की उम्मीद कम है. अगर आपकी सेहत पहले से ही खराब है, तो अब आपको अधिक सावधान रहने की जरूरत है. आपको अपने काम में देरी या कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

शनि वक्री का मिथुन राशि पर प्रभाव
साल 2025 में शनि के वक्री होने के दौरान, शनि जो मिथुन राशि वालों के लिए 8वें और 9वें घर का स्वामी है, आपके 10वें घर में वक्री होने जा रहे हैं. इस समय के दौरान आपके काम की दिशा बदलने के मौके बन सकते हैं. मेहनत और प्रयास के बावजूद सफलता आसानी से नहीं मिलेगी. आपको अधिक मेहनत करने का दबाव महसूस हो सकता है और आपका बोझ बढ़ सकता है. शनि की स्थिति से 12वें, चौथे और 7वें घर पूरी तरह प्रभावित होंगे. आपके परिवार से जुड़ी जिम्मेदारियां भी आप पर भारी पड़ सकती हैं, जिससे आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बुजुर्ग परिवार के सदस्यों, खासकर आपके माता-पिता को इस वक्री अवधि के दौरान विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि वे बीमार पड़ सकते हैं. इसके अलावा, अपने विवाह को सकारात्मक बनाए रखना महत्वपूर्ण है. अगर आप बिजनस कर रहे हैं, तो नीतियों और नियमों का पालन करना बेहतर रहेगा.

शनि वक्री का कर्क राशि पर प्रभाव
कर्क राशि के लोगों के लिए शनि, जो 7वें और 8वें घर का स्वामी हैं और आपके 9वें घर में वक्री होने जा रहे हैं. इस दौरान आपको पिताजी या गुरुओं के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही, इस समय पिताजी के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. इस समय आप भी सावधानी बरतें, क्योंकि स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. जब यह समय बीत जाएगा, तो चीजें बेहतर होती जाएंगी. शनिदेव के प्रभाव से आपके 11वें, तीसरे और छठे घर में आपके दुश्मनों का पराजय होगा. इस दौरान शेयर बाजार में निवेश से भी लाभ हो सकता है. हालांकि, आपको अपने पिताजी का ध्यान रखना होगा क्योंकि उनकी सेहत चिंता का विषय हो सकती है.

शनि वक्री का वृश्चिक राशि पर प्रभाव
शनिदेव की वक्री गति वृश्चिक राशि वालों को मिलने वाले लाभकारी प्रभाव को कम कर सकती है, जिससे आपके सोचे हुए परिणामों में बदलाव आ सकता है. हालांकि, ज्योतिष के अनुसार, करियर और नौकरी में कठिनाइयों का कारण बनता है. इसके परिणामस्वरूप, काम से संबंधित चुनौतियों में मामूली वृद्धि हो सकती है और अधिकारियों व सहकर्मियों के साथ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. व्यक्तिगत स्तर पर, बेकार के विवादों से बचने की कोशिश करें और जीवनसाथी की कठोर या उलझन भरी टिप्पणियों को नजरअंदाज करें. इसके अलावा, स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए आहार और लाइफस्टाइल में अनुशासन बनाए रखें.

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