संयुक्त अंतरिक्ष मिशन से स्टार्टअप्स के लिए बढ़ेंगे सहयोग के अवसर, पीएम मोदी का बयान

टोक्यो
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जैक्सा) के संयुक्त अंतरिक्ष मिशन दोनों देशों के उद्योगों और स्टार्टअप्स के बीच सहयोग को नई गति देंगे। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टोक्यो में कही। 

जापान के अखबार द योमिउरी शिम्बुन को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा कि ये संयुक्त मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के छायायुक्त क्षेत्रों की गहन समझ विकसित करने में भी मदद करेंगे। उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारी सरकार-से-सरकार साझेदारी इसरो और जैक्सा के बीच सहयोग की ऐसी संस्कृति बना रही है, जिससे दोनों देशों के उद्योग और स्टार्टअप्स भी जुड़ रहे हैं। इससे एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार हो रहा है, जहां प्रयोगशालाओं से लॉन्चपैड तक और शोध से वास्तविक जीवन अनुप्रयोगों तक नवाचार का प्रवाह दोनों ओर से हो रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे खुशी है कि भारत और जापान चंद्रयान श्रृंखला के अगले मिशन यानी लूपेक्स (लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन) के लिए हाथ मिला रहे हैं। यह मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थायी छाया वाले क्षेत्रों की हमारी समझ को और गहरा करेगा।” चंद्रयान-5 चंद्रयान श्रृंखला का पांचवां मिशन है, जिसे लूपेक्स भी कहा जाता है। इसरो और जैक्सा का यह संयुक्त मिशन वर्ष 2027-28 में जापान के एच3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में जैक्सा का रोवर और इसरो का लैंडर शामिल होगा, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में जल-बर्फ की खोज और विश्लेषण करेगा।

पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि दोनों देशों की वैज्ञानिक टीमें मिलकर अंतरिक्ष विज्ञान की नई सीमाओं को छुएंगी। उन्होंने कहा, “हमारी साझेदारी न केवल अंतरिक्ष में क्षितिज का विस्तार करेगी, बल्कि धरती पर जीवन को भी बेहतर बनाएगी।” भारत की अंतरिक्ष यात्रा को प्रधानमंत्री ने “हमारे वैज्ञानिकों के संकल्प, मेहनत और नवाचार की कहानी” बताया और कहा कि अंतरिक्ष भारत के लिए अगला आयाम है।

उन्होंने कहा, “चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता से लेकर हमारी अंतरग्रहीय मिशनों में प्रगति तक, भारत ने लगातार साबित किया है कि अंतरिक्ष अंतिम सीमा नहीं, बल्कि अगली सीमा है।” पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे अंतरिक्ष विज्ञान का प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में कृषि से लेकर आपदा प्रबंधन, संचार और अन्य क्षेत्रों में दिखता है।

प्रधानमंत्री मोदी 29-30 अगस्त तक जापान की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। यह यात्रा जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के आमंत्रण पर हो रही है। यह उनका जापान का आठवां दौरा है। इससे पहले वे मई 2023 में जापान आए थे।

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