अंतरिक्ष संघर्ष: भारत की खोज पर विराम, चंद्रमा पर टकराव और पृथ्वी का जिम्मा

 

चंद्रमा, जो हमेशा से शांत और निर्जीव ग्रह के रूप में जाना जाता रहा है, वहां जंग लगने की घटना ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। चांद पर हवा का अभाव होने के बावजूद हेमेटाइट नामक लौह-समृद्ध खनिज की मौजूदगी ने इस रहस्य को और बढ़ा दिया है। हेमेटाइट आमतौर पर ऑक्सीजन और पानी के संपर्क में आने से बनता है, लेकिन चंद्रमा पर दोनों तत्व सीमित मात्रा में हैं। भारत के चंद्रयान-1 मिशन की रिसर्च ने भी इसी दिशा में संकेत दिए थे, जिससे अब इस खोज को और पुष्टिप्राप्ति मिली है।

 नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, जंग तब बनती है जब लोहा ऑक्सीजन और पानी के संपर्क में आता है। हाल ही में हुए अध्ययनों में चंद्रमा की सतह, विशेषकर ध्रुवीय क्षेत्रों में, हेमेटाइट पाए गए हैं। यह खोज चंद्रमा पर जंग लगने की प्रक्रिया को समझने में नए आयाम खोलती है।साल 2020 में भारतीय चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में हेमेटाइट की उपस्थिति की पुष्टि की थी। इस मिशन ने चंद्रमा की सतह से डेटा इकट्ठा किया, जिसमें पानी के अणुओं के प्रमाण भी शामिल हैं। नासा और हवाई इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स एंड प्लैनेटोलॉजी के शोधकर्ताओं ने इस डेटा का विश्लेषण किया और हेमेटाइट के संकेत पाए।

वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा पर जंग लगने में पृथ्वी का योगदान हो सकता है। चंद्रमा पृथ्वी की चुंबकीय पूंछ के संपर्क में आता है, जो ऑक्सीजन अणुओं को चंद्रमा तक ले जाने में मदद करती है। चंद्रमा के 28 दिन के चक्र में लगभग छह दिनों तक पूर्णिमा के समय यह प्रक्रिया सबसे प्रभावी होती है। यह ऑक्सीजन के स्रोत को समझाने में मदद करती है, हालांकि पानी की भूमिका अभी भी रहस्यमय बनी हुई है। जिलियांग और उनकी टीम ने प्रयोगशाला में पृथ्वी की हवा की नकल कर यह देखा कि कैसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन आयनों से चंद्रमा के लौह-समृद्ध खनिज क्रिस्टल हेमेटाइट में बदल सकते हैं। कुछ क्रिस्टलों में यह प्रक्रिया उलटकर भी होती है, जिससे लोहे में परिवर्तन होता है। यह प्रयोग चंद्रमा पर जंग लगने की संभावित प्रक्रियाओं को समझने में मददगार साबित हुआ है।

 

admin

Related Posts

क्या बढ़ता दबाव बना वजह? विपक्ष से संवाद को तैयार हुए पीएम शहबाज

इस्लामाबाद  पाकिस्तान की सियासत फिर करवट ले रही है। लामबंद विपक्ष ने एक मंच से सरकार की नाकामियां गिनाईं और सरकार के खिलाफ आगामी साल 8 फरवरी को 'ब्लैक डे'…

1971 का इतिहास मत भूलो! रूस का बांग्लादेश को दो-टूक संदेश—भारत से दुश्मनी भारी पड़ेगी

ढाका  बांग्लादेश में रूस के राजदूत अलेक्जेंडर ने ढाका को 1971 के ऐतिहासिक युद्ध की याद दिलाते हुए भारत के साथ बढ़ते तनाव पर सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने कहा…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

24 दिसंबर का राशिफल: सभी राशियों के लिए आज का भविष्यफल, जानें क्या कहती है सितारे

24 दिसंबर का राशिफल: सभी राशियों के लिए आज का भविष्यफल, जानें क्या कहती है सितारे

आज नहीं तो कभी नहीं! साल की अंतिम चतुर्थी पर गणेश पूजा में इन गलतियों से बचें

आज नहीं तो कभी नहीं! साल की अंतिम चतुर्थी पर गणेश पूजा में इन गलतियों से बचें

नववर्ष पर भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी, तिरुपति बालाजी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन की व्यवस्था

नववर्ष पर भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी, तिरुपति बालाजी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन की व्यवस्था

पौष पूर्णिमा 2025: 2 या 3 जनवरी—कब मनाई जाएगी, शुभ समय और पूजा का पूरा विधान

पौष पूर्णिमा 2025: 2 या 3 जनवरी—कब मनाई जाएगी, शुभ समय और पूजा का पूरा विधान

सूर्य–चंद्र ग्रहण की पूरी गाइड: पंचांग की मान्यताएं और वैज्ञानिक तथ्य

सूर्य–चंद्र ग्रहण की पूरी गाइड: पंचांग की मान्यताएं और वैज्ञानिक तथ्य

आज का राशिफल 23 दिसंबर 2025: हनुमान जी की विशेष कृपा इन राशियों पर, किसकी चमकेगी किस्मत?

आज का राशिफल 23 दिसंबर 2025: हनुमान जी की विशेष कृपा इन राशियों पर, किसकी चमकेगी किस्मत?