नवरात्रि व्रत का पारण कब करें – 1 अक्टूबर या 2 अक्टूबर? पूरी जानकारी यहाँ

शक्ति का महापर्व शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और शक्ति के सम्मान में मनाया जाता है. यह 9 दिन का उत्सव न सिर्फ भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि भक्तों के लिए शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर भी है. नवरात्रि का उत्सव अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है. इस दौरान अपनी इच्छानुसार 1, 2, 5, 7 या 9 दिनों का व्रत रखते हैं. व्रत करने के बाद उसका पारण करना बहुत अहम होता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब किया जाएगा.

शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब है
9 दिन के नवरात्रि व्रत का पारण नवमी तिथि समाप्त होने के बाद और दशमी तिथि के शुरू होने पर किया जाता है. यह विजयदशमी का दिन होता है. जो लोग 9 दिनों तक व्रत रखते हैं, उनके लिए नवमी तिथि के समाप्त होने और दशमी तिथि के प्रबल होने पर ही व्रत का पारण करना शुभ माना जाता है, इसलिए वे विजयादशमी के दिन व्रत खोलते हैं. ऐसे में आप विजयदशमी पर नवरात्रि व्रत खोल सकते हैं. इस बार विजयदशमी 2 अक्टूबर को है और इसी दिन नवरात्रि व्रत खोला जाएगा.

नवरात्रि के पारण में क्या खाना चाहिए?
नवरात्रि व्रत के पारण सात्विक, हल्के भोजन से करना चाहिए जैसे फलों का रस या साबूदाना. इसके बाद हलवा, पूरी, चने और खीर का प्रसाद ग्रहण किया जाता है, जो देवी को अर्पित किया गया हो. नवरात्रि व्रत खोलने से पहले कन्या पूजन और हवन करना भी जरूरी है, जिसके बाद ही व्रत का पुण्य फल प्राप्त होता है. लंबे उपवास के बाद अचानक भारी या मसालेदार भोजन करने से बचना चाहिए.

नवरात्रि व्रत पारण में क्या नहीं खाना चाहिए?
नवरात्रि व्रत के पारण के समय लहसुन, प्याज, मांसाहार और तामसिक चीजें बिल्कुल नहीं खानी चाहिए. व्रत खोलते समय सीधे नमक का सेवन न करें, पहले थोड़ा मीठा खाकर व्रत खोलना बेहतर होता है.

नवरात्रि व्रत पारण के नियम
नवरात्रि व्रत पारण करने से पहले मां दुर्गा की पूजा करें और फिर हलवा-पूरी का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में खाएं. पारण करते समय सात्विक और हल्का भोजन करें और सीधे नमक से परहेज करें. नवमी तिथि को कन्या पूजन और हवन जरूर कराएं. इसके बाद ही प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलें. नवरात्रि का व्रत तभी पूरा माना जाता है जब आप हवन (अगर किया हो) और कन्या पूजन करते हैं.

 

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