पुराना वादा, नया बवाल: फडणवीस सरकार के खिलाफ हाईवे पर उमड़े हजारों किसान

मुंबई 
महाराष्ट्र में कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर जारी आंदोलन महायुति सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है। दरअसल, राज्य सरकार ने चुनाव से पहले किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था। फिलहाल, इसे लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी है। कडू ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुरुवार को मुलाकात के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।

कडू ने बुधवार शाम कहा कि प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय राजमार्ग खाली कर पास के मैदान में चले जाएंगे। यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब मुंबई उच्च न्यायालय ने नागपुर शहर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को अवरुद्ध कर रहे प्रदर्शनकारियों को शाम छह बजे तक स्थल खाली करने का निर्देश दिया। इसके बाद मंत्री पंकज भोयर और आशीष जायसवाल ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत की। भोयर ने प्रदर्शनकारियों को बताया कि वे मुख्यमंत्री का संदेश लेकर आए हैं, जिसमें उन्हें मुंबई आकर चर्चा करने के लिए कहा गया है।

हाईवे खाली कर मैदान में जाने का वादा
मंत्रियों और प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक बच्चू कडू, किसान नेता राजू शेट्टी तथा अन्य किसानों के बीच लंबी बातचीत के बाद कडू ने मीडिया और किसानों को बताया कि वे राष्ट्रीय राजमार्ग (जिसे नागपुर-वार्धा रोड भी कहा जाता है) खाली कर पास के मैदान में चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन की आगे की रूपरेखा मुख्यमंत्री फडणवीस से गुरुवार को मुंबई में होने वाली बैठक के बाद तय की जाएगी।

कोर्ट ने जताई थी आपत्ति
न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की एक अवकाशकालीन पीठ ने मीडिया की खबरों से इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया और कहा था कि कडू और उनके समर्थक बिना अनुमति के आंदोलन जारी रखे हुए हैं। अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के अधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन तथ्य यह है कि एक सार्वजनिक सड़क, विशेष रूप से एक राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध किया गया है, जो निश्चित रूप से भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने के नागरिकों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

अदालत ने कहा, 'ऐसी स्थिति में न्यायपालिका की भूमिका सक्रिय प्रकृति की होनी चाहिए, क्योंकि वह हमारे संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों की रक्षक है।' महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश उर्फ ​​बच्चू कडू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी ‘महा एल्गार मोर्चा’ में शामिल हो रहे हैं। उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि 26 अक्टूबर को पुलिस ने कडू को 28 अक्टूबर को नागपुर के मौजा परसोडी में केवल एक दिन के लिए आंदोलन करने की अनुमति दी थी।

उच्च न्यायालय ने कहा, 'प्रथमदृष्टया यह स्पष्ट है कि बिना किसी अनुमति के आंदोलन/विरोध अब भी जारी है और आम जनता के सामने समस्याएं बढ़ गई हैं।' पीठ ने कडू को आदेश दिया कि वह और उनके समर्थक तुरंत आंदोलन स्थल से हट जाएं। उच्च न्यायालय ने कहा कि लोगों के हटने का काम शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए, जिससे कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक शांति में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।

तो पुलिस करेगी कार्रवाई
इसने कहा कि यदि सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है तो कडू और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने कहा कि यदि कडू और प्रदर्शनकारी सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से नहीं हटते हैं, जहां प्रदर्शन जारी है, तो पुलिस अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को हटाने और यातायात को सामान्य स्थिति में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।

पीठ ने नागपुर शहर के पुलिस आयुक्त को गुरुवार सुबह अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसने कहा कि यदि विरोध प्रदर्शन में कोई विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति मौजूद है तो उसे सम्मानपूर्वक हटाया जायेगा। न्यायमूर्ति व्यास ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44, जिसे आमतौर पर वर्धा रोड कहा जाता है, पर यातायात अवरुद्ध होने के कारण आम जनता को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ा, क्योंकि पूर्व विधायक ओमप्रकाश उर्फ ​​बच्चू कडू के नेतृत्व में ऋण माफी की मांग को लेकर 10,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन/विरोध प्रदर्शन किया था।

अदालत ने कहा कि प्रदर्शन के कारण 20 किलोमीटर तक यातायात जाम हो गया है और यहां तक ​​कि एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों की भी आवाजाही नहीं हो पा रही हैं। इसने कहा कि नागपुर हवाई अड्डा उसी राजमार्ग पर स्थित है जिसका इस्तेमाल राष्ट्रीय कैंसर संस्थान तक पहुंचने के लिए भी किया जाता है। अदालत ने कहा कि एक अस्पताल और कई स्कूल राजमार्ग पर स्थित हैं और यह मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है। सुनवाई के दौरान सरकार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता देवेंद्र चौहान ने किया।

हाईकोर्ट के फैसले पर कडू ने कहा, 'हम उच्च न्यायालय का अपमान नहीं करना चाहते, लेकिन हर रोज 12 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। हम इंतजार कर रहे हैं कि न्यायालय इसका संज्ञान ले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बजाए हम देख रहे हैं कि हाईकोर्ट ने एक दिन में फैसला दे दिया…। हम हमारी जगह पर रहेंगे। पुलिस हम सभी को गिरफ्तार कर सकती है।'

admin

Related Posts

जम्मू-कश्मीर: नरबल–तांगमर्ग हाईवे से गुजरने वाले वाहनों की कड़ी चेकिंग, जानिए क्या है वजह

बडगाम  SSP बडगाम के निर्देश पर, नए साल के जश्न से पहले पूरे जिले में सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। SDPO मगाम, SHO मगाम, CRPF कंपनी कमांडर और असिस्टेंट कमांडेंट…

नेपाल बना बीजिंग की कठपुतली? तिब्बतियों की निगरानी के लिए लगाए गए सीक्रेट कैमरे

चीन चीन ने अपनी निगरानी और दमन नीति को सीमाओं से बाहर फैलाते हुए नेपाल में तिब्बतियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए अमेरिकी तकनीक से लैस सर्विलांस कैमरे…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

नए साल की शुरुआत में ग्रहों की चाल बदलेगी: जनवरी में चार ग्रह बदलेंगे राशि

नए साल की शुरुआत में ग्रहों की चाल बदलेगी: जनवरी में चार ग्रह बदलेंगे राशि

राशिफल 27 दिसंबर 2025: मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों का आज का हाल

राशिफल 27 दिसंबर 2025: मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों का आज का हाल

मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ

तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ