आज है देव दिवाली! शाम के शुभ मुहूर्त में करें पूजन, जानें कब से कब तक रहेगा सही समय

आज देव दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है. देव दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा का विधान बताया गया है. देव दिवाली को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. तो आइए जानते हैं कि देव दिवाली पर आज शाम कितने बजे दीप दान और पूजन का मुहूर्त शुरू होगा. 

देव दिवाली पर ये रहेगा शाम का शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, देव दिवाली के दिन दीप दान, भगवान शिव, भगवान विष्णु और अन्य देवताओं का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है. जिसका मुहूर्त आज शाम 5 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. 

इसके अलावा, गोधूली मुहूर्त शाम 5 बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा, इसमें भी पूजन किया जा सकता है.

देव दिवाली पर कैसे किया जाता है दीपदान?

देव दिवाली के दिन दीपदान करना बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है. इस दिन भगवान शिव और विष्णु की विशेष पूजा के साथ दीप जलाने की परंपरा होती है. सूर्यास्त के समय दीपक जलाने की शुरुआत होती है, क्योंकि माना जाता है कि उस समय वातावरण में देव ऊर्जा सबसे अधिक होती है.  

इस दिन वाराणसी, प्रयागराज, हरिद्वार और नासिक जैसे पवित्र स्थलों पर गंगा तट पर हजारों दीए जलाए जाते हैं. जो लोग घर पर ही देव दिवाली मना रहे हैं, वे दीपकों की पंक्तियां लगाकर भगवान शिव और विष्णु को अर्पित कर सकते हैं. मान्यता है कि इस दिन किया गया दीपदान पापों से मुक्ति दिलाता है और सौभाग्य, धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

इन स्थानों पर जलाएं दीप

देव दिवाली के दिन दीपक जलाने के लिए घी या तिल के तेल का उपयोग करना शुभ माना गया है. सबसे पहले घर के मुख्य द्वार, आंगन, मंदिर, बालकनी, छत और तुलसी के पौधे के पास दीप जलाया जाता है. यदि संभव हो तो पास की किसी नदी या तालाब के किनारे भी दीप प्रवाहित किए जा सकते हैं, इसे सबसे पुण्यदायक माना गया है

 

admin

Related Posts

महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह शिव भक्तों के लिए साल का सबसे बड़ा…

नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य

 तिरुवनंतपुरम केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर न केवल भारत का, बल्कि दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है. लेकिन इस मंदिर की ख्याति केवल इसके…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें

महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें

नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य

नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य

1 जनवरी को खास योग का निर्माण, इन शुभ कार्यों से पूरे साल चमकेगा भाग्य

1 जनवरी को खास योग का निर्माण, इन शुभ कार्यों से पूरे साल चमकेगा भाग्य

25 दिसंबर का राशिफल: नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा असर, जानें 12 राशियों का हाल

25 दिसंबर का राशिफल: नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा असर, जानें 12 राशियों का हाल

राशिफल 2026: सफलता और तरक्की के लिए इन बातों का रखें ध्यान, सभी राशियों का वार्षिक भविष्य

राशिफल 2026: सफलता और तरक्की के लिए इन बातों का रखें ध्यान, सभी राशियों का वार्षिक भविष्य

पौष पुत्रदा एकादशी 2024: 30 या 31 दिसंबर को व्रत? पढ़ें तिथि, मुहूर्त और महत्व

पौष पुत्रदा एकादशी 2024: 30 या 31 दिसंबर को व्रत? पढ़ें तिथि, मुहूर्त और महत्व