महाकाल मंदिर में नई गाइडलाइन: अजगर माला पहनाने पर रोक, भक्तों को दिया गया निर्देश

उज्जैन 

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल को फूलों की बड़ी व भारी माला पहनाने पर रोक लगाने की तैयारी कर ली गई है। मंदिर के उद्घोषणा कक्ष से भक्तों को नए नियम की जानकारी देने के लिए लगातार उद्घोषणा की जा रही है।

मंदिर समिति का भक्तों से अनुरोध है कि वे भगवान के लिए अजगर माला न खरीदें। मंदिर के आसपास फूल प्रसाद की दुकान संचालित करने वाले व्यवसायियों को भी फूलों की भारी व बड़ी माला विक्रय न करने के आदेश जारी किए जाएंगे।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए वर्ष 2017 में लगी एक जनहित याचिका पर सुनाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ज्योतिर्लिंग के क्षरण की जांच तथा उसे रोकने के उपाय करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) तथा भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के विशेषज्ञों की टीम गठित की थी। विशेषज्ञों ने वर्ष 2019 से जांच शुरू की तथा ज्योतिर्लिंग की सुरक्षित रखने के लिए अनेक सुझाव दिए। इसमें एक सुझाव भगवान महाकाल को फूलों की छोटी माला तथा समिति मात्रा में फूल अर्पण का था।

10 से 15 किलो वजनी माला

लेकिन पिछले कुछ समय से विशेषज्ञों के सुझाव को दरकिनार करते हुए भगवान को फूलों की मोटी व बड़ी माला पहनाई जा रही थी। मंदिर के आसपास हारफूल की दुकानों पर भी 10 से 15 किलो वजनी मालाओं का विक्रय किया जा रहा था। 500 से 2100 रुपये तक बिकने वाली इन अजगर मालाओं को भक्त खरीद रहे थे।मंदिर के भीतर इन्हें भगवान को पहनाया भी जा रहा था। मामले में नईदुनिया ने 28 नवंबर को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था, इसके बाद मंदिर प्रशासन ने इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
एक-दो दिन में औपचारिक आदेश

मंदिर प्रशासन ने भगवान महाकाल को फूलों की छोटी माला तथा समिति मात्रा में पुष्प अर्पण की शुरुआत कर दी है। इसके आदेश इसलिए एक दो दिन में जारी होंगे ताकि भक्तों को पहले नए नियम की जानकारी मिल जाए, एक दम रोक लगाने से जो भक्त फूलों की बड़ी माला लेकर आए हैं उनकी भावना आहत होगी।
प्रवेश द्वार पर पड़ताल के बाद मिलेगा प्रवेश

नया नियम लागू होने के बाद मंदिर के विभिन्न द्वारों पर तैनात गार्ड भक्तों द्वारा भगवान को अर्पण करने के लिए लाई जा रही पूजन सामग्री की जांच करेंगे। बड़ी व भारी फूल माला को गेट पर ही अलग रखवा दिया जाएगा। किसी भी सूरत में बड़ी फूल माला मंदिर के भीतर जाने नहीं दी जाएगी।

महाकाल मंदिर में भारी फूलों पर रोक

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए वर्ष 2017 में लगी जनहित याचिका पर सुनाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ज्योतिर्लिंग के क्षरण की जांच तथा उसे रोकने के उपाय करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) तथा भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के विशेषज्ञों की टीम गठित की थी।

विशेषज्ञों ने वर्ष 2019 से जांच शुरू की और ज्योतिर्लिंग की सुरक्षित रखने के लिए कई सुझाव दिए। इनमें एक सुझाव भगवान महाकाल को फूलों की छोटी माला तथा समिति मात्रा में फूल अर्पण का था, लेकिन कुछ समय से विशेषज्ञों के सुझाव को दरकिनार करते हुए पूजन परंपरा से जुड़े लोगों द्वारा भगवान को फूलों की मोटी व बड़ी माला पहनाई जा रही थी।
भक्तों से अजगर माला न खरीदने की अपील

इसमें भक्तों द्वारा लाई गई मालाएं भी शामिल हैं। मंदिर के आसपास हार-फूल की दुकानों पर भी 10 से 15 किलो वजनी मालाओं का विक्रय किया जा रहा था। 500 से 2100 रुपये तक बिकने वाली इन अजगर मालाओं को भक्त खरीद रहे थे। मंदिर के भीतर इन्हें भगवान को पहनाया भी जा रहा था।

मामले में नईदुनिया ने 28 नवंबर को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था, इसके बाद मंदिर प्रशासन ने इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव पर भगवान महाकाल को फूलों की बड़ी व भारी माला अर्पित करने पर रोक लगाई जा रही है। एक दो दिनों में इस संबंध में विधिवत आदेश जारी कर दिए जाएंगे।- प्रथम कौशिक, प्रशासक, श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति।

 

 

admin

Related Posts

डोबड़ा बना ग्राम पंचायत, विकास की नई शुरुआत; मंत्री मदन दिलावर का ऐतिहासिक स्वागत, 51 फीट साफा बना आकर्षण

कोटा राजस्थान की भाजपा सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विकास रथ लेकर गांव-गांव घूम रहे मदन दिलावर ने आज रथ यात्रा के कारवें की…

मोबाइल विवाद पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: पत्नी की अपील नामंजूर, तलाक पर लगी मुहर

जबलपुर  मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में एक आदमी को उसकी पत्नी से दी गई तलाक को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें

महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें

नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य

नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य

1 जनवरी को खास योग का निर्माण, इन शुभ कार्यों से पूरे साल चमकेगा भाग्य

1 जनवरी को खास योग का निर्माण, इन शुभ कार्यों से पूरे साल चमकेगा भाग्य

25 दिसंबर का राशिफल: नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा असर, जानें 12 राशियों का हाल

25 दिसंबर का राशिफल: नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा असर, जानें 12 राशियों का हाल

राशिफल 2026: सफलता और तरक्की के लिए इन बातों का रखें ध्यान, सभी राशियों का वार्षिक भविष्य

राशिफल 2026: सफलता और तरक्की के लिए इन बातों का रखें ध्यान, सभी राशियों का वार्षिक भविष्य

पौष पुत्रदा एकादशी 2024: 30 या 31 दिसंबर को व्रत? पढ़ें तिथि, मुहूर्त और महत्व

पौष पुत्रदा एकादशी 2024: 30 या 31 दिसंबर को व्रत? पढ़ें तिथि, मुहूर्त और महत्व