शनिवार के दिन सुंदरकांड पाठ क्यों है खास? तरीका और फायदे समझें

हिंदू धर्म शास्त्रों में गोस्वामी तुलसीदास कृत ‘श्री रामचरितमानस’ के पांचवें अध्याय, सुंदरकांड का पाठ अत्यंत चमत्कारी और फलदायी माना गया है. यह केवल एक धार्मिक पाठ नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, साहस और सफलता का महामंत्र है. वैसे तो यह पाठ कभी भी किया जा सकता है, लेकिन शनिवार को इसका विशेष महत्व है. माना जाता है कि शनिवार के दिन हनुमान जी के साथ-साथ न्याय के देवता शनिदेव का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.

अगर आप जीवन में बार-बार आ रही परेशानियों, ग्रह-दोषों, या किसी बड़े संकट से जूझ रहे हैं, तो शनिवार को विधि-विधान से सुंदरकांड का पाठ करने से अद्भुत लाभ मिल सकते हैं. आइए जानते हैं शनिवार के दिन सुंदरकांड पाठ करने से क्या होता है, इसकी सही विधि क्या है और इसके प्रमुख लाभ क्या हैं.

क्यों है शनिवार को सुंदरकांड पाठ का विशेष महत्व?

शनिवार का दिन मुख्य रूप से शनिदेव को समर्पित है. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के दौरान व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि वह भक्तों को कभी परेशान नहीं करेंगे. इसलिए, शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से शनि की महादशा, ढैय्या और साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है. यह पाठ कुंडली के अन्य मारक ग्रहों (जैसे राहु और केतु) के दुष्प्रभावों को भी शांत करता है.

शनिवार को सुंदरकांड पाठ करने के लाभ

शनि दोष से मुक्ति: यह शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा के कष्टों को कम करता है, जिससे जीवन में शांति आती है.

हर मनोकामना की पूर्ति: मान्यता है कि लगातार संकल्प लेकर इसका पाठ करने से भक्त की सभी इच्छाएं जल्द ही पूर्ण होती हैं.

आत्मविश्वास में वृद्धि: पाठ से हनुमान जी जैसा बल और बुद्धि प्राप्त होती है, जिससे आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति में जबरदस्त वृद्धि होती है.

भय और संकटों से बचाव: यह पाठ हर प्रकार के संकट, अज्ञात भय और जीवन में आने वाली बाधाओं को तुरंत दूर करने वाला माना गया है.

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: घर में मौजूद प्रेत बाधा, नकारात्मक शक्तियां और बुरी नजर दूर होती है. जिस स्थान पर यह पाठ होता है, वहां स्वयं बजरंगबली का वास होता है.

सुंदरकांड पाठ की सही विधि

पाठ के लिए ब्रह्म मुहूर्त या शाम का समय सबसे शुभ माना जाता है. सबसे पहले स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र (काले रंग को छोड़कर) धारण करें. फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की मूर्ति/तस्वीर स्थापित करें. शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं, हनुमान जी को फूलमाला, सिंदूर, लाल पुष्प और लड्डू/गुड़-चना का भोग लगाएं. हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर अपनी मनोकामना दोहराते हुए संकल्प लें कि आप किस उद्देश्य से यह पाठ कर रहे हैं. सबसे पहले भगवान गणेश और अपने गुरु की वंदना करें.

अब “राम सिया राम सिया राम जय जय राम” का कीर्तन या जाप करते हुए सुंदरकांड का पाठ आरंभ करें. धार्मिक मान्यता के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए. इसे एक ही बैठक में पूरा करने का प्रयास करें. पाठ पूरा होने पर हनुमान चालीसा का पाठ करें. आखिर में भगवान हनुमान जी की आरती करें और उनसे अपनी गलती के लिए क्षमा मांगते हुए आशीर्वाद लें. भोग प्रसाद को भक्तों में वितरित करें और खुद भी ग्रहण करें.

admin

Related Posts

आज का राशिफल 6 दिसंबर: जानें, मेष से मीन तक सभी राशियों का दिन कैसा बीतेगा

मेष राशि- आज का दिन आपके पक्ष में काम करता दिखाई देगा। जिन कामों को लंबे समय से टाल रहे थे, उन्हें पूरा करने का सही मौका मिल सकता है।…

क्यों डराती है शनि की महादशा? समझें इसके प्रभाव और राहत के उपाय

ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को ‘कर्मफल दाता’ और ‘न्यायाधीश’ की उपाधि प्राप्त है. ये व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं. शनि के…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

आज का राशिफल 6 दिसंबर: जानें, मेष से मीन तक सभी राशियों का दिन कैसा बीतेगा

आज का राशिफल 6 दिसंबर: जानें, मेष से मीन तक सभी राशियों का दिन कैसा बीतेगा

क्यों डराती है शनि की महादशा? समझें इसके प्रभाव और राहत के उपाय

क्यों डराती है शनि की महादशा? समझें इसके प्रभाव और राहत के उपाय

शनिवार के दिन सुंदरकांड पाठ क्यों है खास? तरीका और फायदे समझें

शनिवार के दिन सुंदरकांड पाठ क्यों है खास? तरीका और फायदे समझें

2026 में कब-कब पड़ेगी पूर्णिमा? जानें व्रत और पूजा की पूरी तारीखें

2026 में कब-कब पड़ेगी पूर्णिमा? जानें व्रत और पूजा की पूरी तारीखें

5 दिसंबर का दैनिक राशिफल, जानें 12 राशियों का आज का भविष्य

5 दिसंबर का दैनिक राशिफल, जानें 12 राशियों का आज का भविष्य

राहु–शुक्र युति 2026: 3 राशियों के लिए खुलेगी सफलता की नई राह, जानें आपका प्रभाव

राहु–शुक्र युति 2026: 3 राशियों के लिए खुलेगी सफलता की नई राह, जानें आपका प्रभाव