कल है पौष माह की मासिक शिवरात्रि, नोट करें पूजा का सही समय, विधि और चमत्कारी मंत्र

मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है। वर्तमान में पौष माह चल रहा है और पौष मास की मासिक शिवरात्रि 18 दिसंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन रात्रि में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पौष माह की मासिक शिवरात्रि भी विशेष फलदायी मानी जाती है।

पौष मासिक शिवरात्रि 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

पौष, कृष्ण चतुर्दशी प्रारम्भ – 02:32 ए एम, दिसम्बर 18

पौष, कृष्ण चतुर्दशी समाप्त – 04:59 ए एम, दिसम्बर 19

पूजा का शुभ मुहूर्त- 11:51 पी एम से 12:45 ए एम, दिसम्बर 19

पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

घर के मंदिर में दीपक जलाएं।

शिवलिंग का गंगाजल, दूध आदि से अभिषेक करें।

भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी विधिवत पूजा करें।

भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें, क्योंकि किसी भी शुभ कार्य से पहले गणपति पूजन आवश्यक माना गया है।

पूरे मन से भोलेनाथ का ध्यान करें।

भगवान की आरती अवश्य करें।

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करें।

अंत में भगवान शिव को भोग अर्पित करें।

पूजा सामग्री की लिस्ट-

फूल, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, सोना-चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध, रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, चंदन, शिव और माता पार्वती के श्रृंगार की सामग्री।

मासिक शिवरात्रि के उपाय:

मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूरे दिन व्रत रखें। प्रदोष काल या रात्रि में भगवान शिव का गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करें तथा ॐ नमः शिवाय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। शिवचालीसा या शिवपुराण का पाठ करें और अंत में भोलेनाथ की आरती करें। मान्यता है कि इन उपायों को करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

मंत्र: ॐ नमः शिवाय।- इस मंत्र का मासिक शिवरात्रि के दिन 108 बार जप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे मन की शांति मिलती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

admin

Related Posts

आज का राशिफल 23 दिसंबर 2025: हनुमान जी की विशेष कृपा इन राशियों पर, किसकी चमकेगी किस्मत?

मेष राशि- आज मन में उतार-चढ़ाव रह सकता है। किसी बात को लेकर जल्दी रिएक्शन देने से बचें। कामकाज में जिम्मेदारी बढ़ सकती है, लेकिन आप उसे संभाल लेंगे। पैसों…

पुराणों में अधिकमास का महत्व क्या है? जानिए क्यों माना जाता है यह पुण्यकाल

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2026 एक विशेष साल होने वाला है. इस साल कैलेंडर में एक अतिरिक्त महीना जुड़ेगा, जिसे हम अधिकमास या ‘पुरुषोत्तम मास’ के नाम से जानते…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

आज का राशिफल 23 दिसंबर 2025: हनुमान जी की विशेष कृपा इन राशियों पर, किसकी चमकेगी किस्मत?

आज का राशिफल 23 दिसंबर 2025: हनुमान जी की विशेष कृपा इन राशियों पर, किसकी चमकेगी किस्मत?

पुराणों में अधिकमास का महत्व क्या है? जानिए क्यों माना जाता है यह पुण्यकाल

पुराणों में अधिकमास का महत्व क्या है? जानिए क्यों माना जाता है यह पुण्यकाल

शुक्र का धनु में गोचर बना रहा है 100 साल बाद का दुर्लभ समसप्तक योग, इन 4 राशियों की खुलेंगी किस्मत

शुक्र का धनु में गोचर बना रहा है 100 साल बाद का दुर्लभ समसप्तक योग, इन 4 राशियों की खुलेंगी किस्मत

लक्ष्मी नारायण योग 2025: नौकरी, व्यापार और घर में खुशियों की सौगात इन राशियों को

लक्ष्मी नारायण योग 2025: नौकरी, व्यापार और घर में खुशियों की सौगात इन राशियों को

आज का राशिफल 22 दिसंबर: मेष से मीन तक जानें आपका दिन कैसा बीतेगा

आज का राशिफल 22 दिसंबर: मेष से मीन तक जानें आपका दिन कैसा बीतेगा

आज का राशिफल (21 दिसंबर): नौकरी, व्यापार, सेहत और प्रेम—12 राशियों का पूरा हाल

आज का राशिफल (21 दिसंबर): नौकरी, व्यापार, सेहत और प्रेम—12 राशियों का पूरा हाल