खाना बनाते समय महिलाओं की ये 5 आदतें बन सकती हैं घर की बरकत की दुश्मन

आज से कई सौ सालों पहले आचार्य चाणक्य ने जो बातें कहीं थी, वो आज के जीवन में भी काफी व्यवहारिक हैं। आज भी कई लोग जीवन में सही रास्ते की तलाश में आचार्य चाणक्य की नीतियों का सहारा लेते हैं। इनमें केवल राजनीति, अर्थशास्त्र जैसे विषयों का ही ज्ञान नहीं मिलता बल्कि गृहस्थ जीवन से जुड़ी कई बातें भी सीखने को मिलती हैं। उदाहरण के लिए आचार्य चाणक्य का मानना था कि महिलाओं को खाना बनाते समय कुछ बातें विशेष रूप से ध्यान रखनी चाहिए। ये गलतियां यदि वो दोहराती हैं, तो इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है और घर में एक नकारात्मकता सी बनी रहती है। उन्होंने इन 5 गलतियों को किसी भी हाल में ना करने की सलाह दी है, आइए जानते हैं।

बिना नहाए कभी नहीं बनाना चाहिए खाना

आचार्य चाणक्य सलाह देते हैं कि कभी भी महिलाओं को बिना नहाए खाना नहीं बनाना चाहिए। बिना नहाए, गंदे कपड़ों में खाना बनाना अशुद्ध माना जाता है। ऐसा खाना ना सिर्फ सेहत पर बुरा असर डाल सकता है, बल्कि घर में मासिक अशांति का कारण भी बन सकता है। इससे घर में एक नकारात्मक ऊर्जा फैलने लगती है, जिससे घर की बरकत कम हो जाती है।

नेगेटिव इमोशन के साथ ना पकाएं भोजन

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि खाने को आप किस सोच के साथ पका रहे हैं, ये काफी मायने रखता है। यही आप दुखी मन से, उदास हो कर या गुस्से में खाना पकाती हैं, तो ये नकारात्मक सोच भोजन भी ग्रहण कर लेता है। ऐसे में परिवार के अन्य सदस्य जो इसे ग्रहण करते हैं, उनके मन पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। आचार्य सलाह देते हैं कि खाना हमेशा शांत मन से और खुशी के साथ पकाना चाहिए।

बासी और खराब सामग्री का इस्तेमाल करना

आचार्य के मुताबिक खाना बनाते हुए हमेशा ताजी और शुद्ध सामग्री को ही इस्तेमाल में लाना चाहिए। अगर आप बासी सामग्री या खराब तेल-मसाले इस्तेमाल में लाती हैं, तो ये सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आचार्य कहते हैं कि भोजन जितना ताजा और शुद्ध होता है, उतना ही मन और शरीर को शक्ति देता है।

खाना बनाते हुए इधर-उधर की बातों में उलझे रहना

कई महिलाएं खाना तो बनाती हैं, लेकिन उनका ध्यान बातों या फिर दूसरे कामों में लगा रहता है। आचार्य कहते हैं कि इस तरह कभी भी खाना नहीं बनाना चाहिए। जब भी खाना बनाएं, सिर्फ उसपर ही ध्यान रखें। ऐसा करने से भोजन सिर्फ स्वदिष्ट ही नहीं बनता, बल्कि आपके मन का प्रभाव भी उसपर पड़ता है।

भगवान को याद ना करना

अपनी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि खाना बनाते हुए आपके मन में हमेशा भगवान का स्मरण या आभार की भावना होनी चाहिए। ऐसा करने से खाने में एक सकारात्मक ऊर्जा आती है, जिससे घर में खुशहाली और बरकत बनी रहती है।

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