बुलंदशहर
28 जुलाई 2016 की रात लोग कभी नहीं भुला सकते. इस दिन बुलंदशहर के नेशनल हाईवे-91 गाजियाबाद के एक परिवार के साथ जो हैवानियत हुई, उससे पूरा देश कांप उठा था. हैवानों ने लूट के इरादे से कार को रोका और उसके बाद परिवार को बंधक बना लिया था. इतना ही नहीं परिवार के सामने ही पहले 14 साल की बेटी के साथ रेप किया. जब पिता ने बेटी को छोड़ने के लिए चिल्लाया और गुहार लगाई तो उसे बेरहमी से पीटा. इसके बाद किशोरी की मां के साथ भी दरिंदगी की हदें पार कर दीं. इस दौरान सैकड़ों बार डायल 100 पर कॉल किया गया पर कोई मदद नहीं पहुंची थी. मां-बेटी के साथ गैंगरेप के बाद आरोपी लूटपाट कर फरार हो गए थे. अब करीब 9 साल बाद इस केस में बड़ा अपडेट सामने आया है. बुलंदशहर की मुख्य पॉक्सो कोर्ट ने पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब इस मामले में अदालत ने आज यानी 22 दिसंबर को पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. कह सकते हैं परिवार को 9 साल बाद न्याय मिला है.
क्या थी पूरी घटना?
28 जुलाई की रात गाजियाबाद निवासी एक परिवार के 6 सदस्य शाहजहांपुर से तेरहवीं के कार्यकर्म में शामिल होकर लौट रहे थे. देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के निकट नेशनल हाईवे-91 पर बदमाशों ने लोहे की रॉड फेंककर कार को रुकवाया. इसके बाद आरोपियों ने किशोरी, उसके पिता, मां, ताई, ताऊ व तहेरे भाई को बंधक बनाया. आरोपी सभी को रोड के दूसरी तरफ खेत में ले गए. पहले उन्होंने सभी पुरुषों के हाथ पैर बांध दिए. इसके बाद 14 वर्षीय किशोरी व पत्नी के साथ आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. इस जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी वहां से लूटपाट कर भाग निकले थे. पीड़ित पिता का आरोप है कि वारदात के बाद कई बार डायल 100 पर फोन कर मदद मांगी, लेकिन कोई नहीं पहुंचा.
17 पुलिसकर्मियों पर टूटी थी गाज
वारदात के बाद स्थानीय पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई. जिसके बाद एसएसपी समेत 17 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई. इस मामले में बुलंदशहर पुलिस ने आनन-फानन में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो बाद में निर्दोष पाए गए. इसके बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई जांच में यह बात निकलकर सामने आई कि पूरी वारदात को बावरिया गिरोह के सदस्यों ने अंजाम दिया था. इसके बाद सीबीआई की तरफ से जुबैर, सलीम और साजिद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई.
हरियाणा से पकड़े गए थे तीन और आरोपी
इस घटना के कुछ महीनों बाद हरियाणा पुलिस ने एक गिरोह को पकड़ा. जांच में पता चला कि इस गिरोह के सदस्य धर्मवीर, नरेश और सुनील बुलंदशहर गैंगरेप कांड में शामिल थे. इसके बाद आरोपियों की परेड पीड़िता से करवाई गई, जिसमें उसने तीनों को पहचान लिया. इसके बाद सीबीआई ने इन तीनों के खिलाफ भी चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल कर दिया. कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ 27 जुलाई 2018 को चार्ज फ्रेम कर दिया था.
हाल ही में हुए थे दोषी करार
सभी आरोपियों को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 394, 395, 397, 376D, 120B तथा पोक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं में दोषी ठहराया है. सोमवार को कोर्ट ने सजा का ऐलान भी कर दिया. दोषी करार होने के बाद जब पुलिस कस्टडी में आरोपियों को कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था, तो एक आरोपी जुबेर ने मुस्कुराते हुए मीडिया कर्मियों से कहा, “ठीक से वीडियो बनाना और फेमस कर दो.” उसकी यह बेशर्मी कैमरे में कैद हो गई, जिससे कोई पछतावा न दिखने की बात सामने आई. अन्य दोषी भी बिना किसी अफसोस के नजर आए. अदालत ने पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुना दी. अब दरिंदे पूरी जिंदगी जेल में ही रहेंगे.








