भोपाल
प्रदेश के विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए शीतकालीन अवकाश को लेकर बड़ी और स्पष्ट जानकारी सामने आई है। राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार इस वर्ष प्रदेश भर के सरकारी और निजी स्कूलों में 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। यह अवकाश सभी बोर्डों से संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा, जिससे छुट्टियों को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति अब समाप्त हो गई है।
शासन के निर्देशों के अनुसार ही होगी छुट्टी
इस बार राज्य सरकार ने शीतकालीन अवकाश को लेकर सख्ती बरती है और साफ निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूल शासन द्वारा घोषित तिथियों का ही पालन करेंगे। इसी कारण मिशनरी स्कूलों सहित कई निजी स्कूलों ने अपने पुराने नियमों में बदलाव किया है और अब अवकाश की अवधि शासन के आदेश के अनुरूप रखी गई है।
मिशनरी स्कूलों ने बदला पुराना पैटर्न
दरअसल, प्रदेश में CBSE से संबद्ध स्कूलों में मिशनरी संस्थानों की संख्या अधिक है। बीते वर्षों में अधिकांश मिशनरी और सीबीएसई स्कूलों में शीतकालीन अवकाश 23 दिसंबर से 2 जनवरी तक घोषित कर दिया जाता था, जो कि शासन द्वारा निर्धारित छुट्टियों से अलग था। लेकिन इस बार शिक्षा विभाग की सख्ती और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के चलते मिशनरी स्कूलों ने भी अपने पुराने लंबे अवकाश के नियम को बदल दिया है और शासन की घोषित तारीखों के अनुसार ही छुट्टी देने का निर्णय लिया है।
31 दिसंबर से 3 जनवरी तक रहेगा अवकाश
राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में एपमी बोर्ड (MP Board) से संबद्ध स्कूलों और सभी सरकारी स्कूलों में 31 दिसंबर से 3 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। इसके अलावा 4 जनवरी रविवार होने के कारण सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इस तरह छात्रों को लगातार पांच दिनों की छुट्टी का लाभ मिलेगा।
5 जनवरी से खुलेंगे स्कूल
शीतकालीन अवकाश समाप्त होने के बाद प्रदेश के सभी स्कूल 5 जनवरी (सोमवार) से दोबारा नियमित रूप से खुलेंगे। शिक्षण कार्य पूर्व निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार शुरू होगा।
अभिभावकों और छात्रों को राहत
एक समान अवकाश व्यवस्था लागू होने से अभिभावकों और छात्रों दोनों को राहत मिली है। अब अलग-अलग बोर्डों और स्कूलों की छुट्टियों को लेकर भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे शैक्षणिक कैलेंडर में भी अनुशासन बना रहेगा और पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। कुल मिलाकर, इस बार शीतकालीन अवकाश को लेकर शासन का रुख साफ है सभी स्कूलों के लिए एक समान नियम और एक समान तारीखें।








