‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान में पौधारोपण अभियान को मिली नई गति

बिलासपुर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के अनुरूप, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अपने परिचालन क्षेत्रों में 1,46,675 पौधे रोपे हैं। यह पहल माननीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी द्वारा जुलाई 2024 में देश भर के कोयला एवं खान उद्योग के सरकारी उपक्रमों में शुरू किए गए "एक पेड़ माँ के नाम" राष्ट्रव्यापी पौधारोपण अभियान का हिस्सा थी।

एसईसीएल ने छत्तीसगढ़ के 8 जिलों और मध्य प्रदेश के 3 जिलों में 56 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पौधारोपण अभियान चलाया। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने अपने खनन क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले समुदायों को 25,000 पौधे वितरित किए, जिससे पर्यावरण संरक्षण को और बढ़ावा मिला।

स्वच्छता ही सेवाझ् ने दी अभियान को नई गति
"एक पेड़ माँ के नामझ् के तहत वृक्षारोपण प्रयासों को 2024 के "स्वच्छता ही सेवाझ् अभियान के हिस्से के रूप में और मजबूत किया गया। इस अभियान के हिस्से के रूप में, एसईसीएल ने अतिरिक्त 4,200 पौधे लगाए, जिससे पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्वच्छता दोनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बल मिला।

कुसमुंडा खदान ने 501 लाख टन कोयला उत्पादन के उपलक्ष्य में 501 पौधे लगाए
स्श्वष्टरु की कुसमुंडा खदान, जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कोयला खदान है, ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 501 लाख टन (50 मिलियन टन) कोयला उत्पादन की उपलब्धि के उपलक्ष्य में एक ही दिन में 501 पौधे लगाकर एक अनूठी उपलब्धि हासिल की। इस पहल ने एसईसीएल के राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ एसईसीएल के हरित विकास को बढ़ावा देने के प्रण को मजबूती दी।

कोयलांचल में वन विकास के लिए संकल्पित है एसईसीएल: पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में 26 लाख पौधे लगाए जाएंगे
एसईसीएल छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में व्यापक वृक्षारोपण अभियान पर अगले पांच वर्षों में 169 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहा है। राज्य वन विकास निगम के साथ साझेदारी में, कंपनी का लक्ष्य 2023-24 और 2027-28 के बीच छत्तीसगढ़ में 26 लाख और मध्य प्रदेश में 12 लाख से अधिक पौधे लगाना है।

तेजी से हरित आवरण के लिए क्रांतिकारी मियावाकी तकनीक
वनीकरण प्रयासों में और तेजी लाने के लिए, स्श्वष्टरु ने अभिनव जापानी मियावाकी तकनीक शुरू की है, जो तेजी से हरित आवरण विकास को बढ़ावा देती है। गेवरा क्षेत्र में 2 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में इस पद्धति का उपयोग करके एक पायलट परियोजना पहले ही शुरू की जा चुकी है। अपनी स्थापना के बाद से, एसईसीएल ने अपने परिचालन क्षेत्रों में 3 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं जिससे अंचल में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को मजबूती प्रदान की है।

  • admin

    Related Posts

    SIR डेट बरकरार, यूपी में बड़ा एक्शन तय; 2.89 करोड़ नाम हटेंगे, 1.11 करोड़ मतदाताओं को नोटिस

    लखनऊ  यूपी में मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) की तारीख शुक्रवार को खत्म हो गई। पहले दो बार एसआईआर की तारीख बढ़ाई जा चुकी है लेकिन तीसरी बार…

    प्राइड ऑफ मध्यप्रदेश-2025: विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों का म.प्र. में हुआ सम्मान — मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    प्राइड ऑफ मध्यप्रदेश-2025 में सम्मानित विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों का म.प्र. में अभिनंदन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उद्योग, व्यवसाय सहित कला, साहित्य…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    धर्म

    नए साल की शुरुआत में ग्रहों की चाल बदलेगी: जनवरी में चार ग्रह बदलेंगे राशि

    नए साल की शुरुआत में ग्रहों की चाल बदलेगी: जनवरी में चार ग्रह बदलेंगे राशि

    राशिफल 27 दिसंबर 2025: मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों का आज का हाल

    राशिफल 27 दिसंबर 2025: मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों का आज का हाल

    मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

    मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

    पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

    पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

    आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

    आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

    तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ

    तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ