खालिस्तान समर्थक तत्वों के बारे में हाल ही में उठे आरोपों ने व्यापक बहस हुई पैदा, ट्रूडो सरकार बनी आंतकियों की कठपुतली

कनाडा
कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों के बारे में हाल ही में उठे आरोपों ने व्यापक बहस पैदा कर दी है।  2 नवंबर 2024 को रिपोर्ट के अनुसार पूर्व सिख समुदाय सदस्य बॉब राय ने यह चिंताएं व्यक्त की हैं कि विश्व सिख संगठन (WSO) की कनाडा  सरकार में संभावित घुसपैठ हो रही है। राय का कहना है कि यह संगठन कनाडाई राजनीति को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी समर्थकों का दखल बढ़ रहा है और ट्रूडो सरकार आंतकियों की कठपुतली बन चुकी है। उन्होंने कहा कि  WSO के पास कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) के साथ संपर्क हो सकता है, जिससे विदेशों से प्रभाव और सार्वजनिक सेवा के उच्च स्तरों पर टकराव के सवाल उठ रहे हैं।

बॉब राय ने अपने सिख धर्म से दूरी बना ली है और कहा है कि उन्होंने इसे चरमपंथी समूहों द्वारा "हाइजैक" करने के कारण छोड़ा। उन्होंने कहा, "वे कभी मेरे लिए नहीं बोले, और मैं उनके चरमपंथी और आतंकवादी विचारधाराओं का समर्थन नहीं करता।" उनकी टिप्पणी WSO की अपनी कार्रवाई का औचित्य साबित करने की कोशिशों पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। राय के इन बयानों में सिख समुदाय में चरमपंथ की विवादास्पद भूमिका को भी उजागर किया गया है। उन्होंने WSO के संस्थापक अध्यक्ष जियान सिंह संधू और उनकी बेटी, बीसी सुप्रीम कोर्ट की जज पलबिंदर शेरगिल के प्रति संभावित हितों के टकराव का भी इशारा किया।

राय ने 1985 के एयर इंडिया फ्लाइट 182 के बम विस्फोट की जांच, जो कि खालिस्तानी चरमपंथियों से जुड़ी एक भयानक घटना थी, से इन चिंताओं को जोड़ा। इस हादसे में 329 लोगों की जान गई थी। राय के बयानों के नतीजे गंभीर हैं, क्योंकि ये सरकार की संरचनाओं की निष्पक्षता और कुछ न्यायिक नियुक्तियों की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हैं। उनके आरोपों से CSIS की सामुदायिक संगठनों के साथ alleged involvement पर भी कॉल किया जा सकता है। कनाडाई राजनीतिक और न्यायिक प्रणाली में संभावित हितों के टकराव को लेकर लोग अधिक सतर्क हो रहे हैं और एक बड़ी मांग बढ़ रही है कि इन संबंधों की खुफिया जांच की जाए।

हालांकि WSO ने इन आरोपों पर अभी तक सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राय का दृष्टिकोण राजनीतिक विश्लेषकों और आम जनता को इस बात पर सोचने पर मजबूर कर रहा है कि राजनीतिक सक्रियता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच की सीमाएँ क्या हैं। कनाडा में धार्मिक स्वतंत्रता, सामुदायिक प्रतिनिधित्व, और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन को लेकर यह बहस आगे बढ़ रही है। कनाडाई नागरिक ध्यान से देख रहे हैं कि सरकार एजेंसियाँ और राजनीतिक नेता इन आरोपों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और विदेशों से हुई भ्रष्टाचार की चिंताओं को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

 

admin

Related Posts

बंगाली मजदूरों पर कथित उत्पीड़न को लेकर ममता बनर्जी का केंद्र और भाजपा शासित राज्यों पर तीखा हमला

कोलकाता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के साथ हो रहे कथित अत्याचारों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाली…

डर से उम्मीद तक: पहलगाम हमले के बाद घाटी में लौटी रौनक, सैलानियों ने बढ़ाया उत्साह

पहलगाम 22 अप्रैल 2025 की तारीख को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, क्योंकि इस दिन कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 मासूम लोगों को बेरहमी से मौत…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

नए साल की शुरुआत में ग्रहों की चाल बदलेगी: जनवरी में चार ग्रह बदलेंगे राशि

नए साल की शुरुआत में ग्रहों की चाल बदलेगी: जनवरी में चार ग्रह बदलेंगे राशि

राशिफल 27 दिसंबर 2025: मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों का आज का हाल

राशिफल 27 दिसंबर 2025: मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों का आज का हाल

मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ

तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ