यूनियन कार्बाइड के शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट का होगा विनष्टीकरण

भोपाल
संचालक गैस राहत एवं पुनर्वास श्री स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया है कि केन्द्र सरकार की ओवर साइट कमेटी के निर्देशों एवं सुपरविजन के अनुसार यूनियन कार्बाइड के शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट के विनष्टीकरण की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि 337 मीट्रिक टन यूसीआईएल अपशिष्ट की पैकिंग, लोडिंग और परिवहन सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ विशेष 12 कंटेनरों से किया जायेगा। कंटेनर्स के साथ पुलिस सुरक्षा बल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड तथा क्विक रिस्पाँस टीम रहेगी। यह कंटेनर लीक प्रूफ एवं फायर रेजिस्टेंट हैं। प्रति कंटेनर 2 प्रशिक्षित ड्राइवर नियुक्त किये गये हैं। इन कंटेनरों का मूवमेंट जीपीएस द्वारा मॉनिटर किया जायेगा। अपशिष्ट का परिवहन भोपाल से पीथमपुर टीएसडीएफ तक एक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर शीघ्र किया जायेगा।

संचालक श्री सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक इकाइयों में निकलने वाले रासायनिक तथा अन्य अपशिष्ट के निष्पादन के लिये धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट है, जहां पर भस्मीकरण से अपशिष्ट पदार्थों का विनष्टीकरण किया जाता है। यह प्लांट प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों द्वारा जनित खतरनाक एवं रासायनिक अपशिष्ट के सुरक्षित निष्पादन के लिये स्थापित किया गया है। यह प्लांट सेन्ट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशानुसार संचालित है। सीपीसीबी की मॉनिटरिंग में सभी निर्धारित पैरामीटर अनुसार सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए 10 मीट्रिक टन अपशिष्ट विनिष्टिकरण का ट्रॉयल रन-2015 में किया गया। शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का निष्पादन सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित आदेशों के अनुक्रम में तथा उच्च न्यायालय द्वारा गठित ओवर साइट कमेटी/टास्क फोर्स कमेटी के निर्णय 19 जून 2023 के अनुक्रम में किया जा रहा है।

पीथमपुर में अत्याधुनिक बुनियादी ट्रीटमेंट, स्टोरेज एवं डिस्पोजल फेसिलिटी (टीएसडीएफ) अनुसार वर्ष-2006 से अन्य संस्थाओं के अपशिष्ट का भस्मीकरण ठीक उसी प्रकार से किया जा रहा है, जैसे लगातार क्रियाशील यूसीआईएल में अपशिष्ट संग्रहित हैं। देश में पीथमपुर जैसे 42 संयंत्र क्रियाशील हैं, जिसमें ऐसे रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का उपचार उपरांत निपटान किया जाता है। पीथमपुर में स्थापित यह कॉमन हैज़र्डस वेस्ट ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोज़ल फैसिलिटी (CHW-TSDF) एक अत्याधुनिक सुविधा है, जिसमें ख़तरनाक कचरे को सटीकता और सुरक्षा के साथ निष्पादन करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। री-सस्टेनेबिलिटी लिमिटेड की सहायक कंपनी PIWMPL (पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मेनेजमेंट प्रा.लि.) द्वारा संचालित, यह सुविधा भस्मीकरण, लैंडफ़िल प्रबंधन और उत्सर्जन नियंत्रण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग कर अपशिष्टों का निष्पादन करती है। अपशिष्टों के निष्पादन के दौरान इस सुविधा द्वारा लगातार जल एवं वायु मापन कार्य किया जाता है। इस प्रकार यह सुविधा खतरनाक कचरे को पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित रूप से निपटाने और प्राकृतिक संसाधनों को दूषित करने के जोखिम को कम करने के लिये विशिष्ट समाधान प्रदान करती है।

संचालक श्री सिंह ने बताया कि सीपीसीबी द्वारा 2015 में किये गये यूसीआईएल अपशिष्ट विनिष्टिकरण के ट्रायल रन के दौरान तथा बाद में उत्सर्जन मानक, निर्धारित राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पाये गये। परिणामों के आधार पर वर्णित किया गया है कि यूसीआईएल. कचरे के निष्पादन पश्चात किसी तरह के हानिकारक तत्व पानी अथवा वायु में नहीं पाये गये तथा इनसीनेरेशन (भस्मीकरण) के पश्चात शेष बचे रेसीड्यूज़ का निष्पादन टीएसडीएफ (ट्रीटमेंट स्टोरेज एंड डिस्पोजल फेसेलिटी) में लैण्ड फिल के माध्यम से डबल कम्पोजिट लाइनर सिस्टम से किया गया। इसका किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर नहीं पाया गया। श्री सिंह ने बताया कि यह सीपीसीबी का कथन है, जिसकी पुष्टि संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई है। उक्त स्थिति से सर्वोच्च न्यायालय को भारत सरकार द्वारा शपथ पत्र द्वारा अवगत कराया गया है।

संचालक श्री सिंह ने बताया कि कलेक्टर धार द्वारा "पीथमपुर के जिन स्थानों पर अपशिष्ट जलाया गया, वहां फसल उत्पादन में 98 प्रतिशत घटने और पानी 5 गुना अधिक दूषित होने" के समाचारों की विस्तृत जांच कराई गई है। धार कलेक्टर के प्रतिवेदन में वर्णित है कि तहसील-पीथमपुर के राजस्व निरीक्षक, वृत्त-पीथमपुर के ग्राम में विगत 10 वर्षों के अंतर्गत फसल सोयाबीन एवं गेहूं के रकबे में वृद्धि हुई है तथा फसल मक्का और चना में किसानों की रुचि कम होने से रकबे में कमी परिलक्षित हुई है। उक्त चारों फसलों से फसली रकबे में 11.83 प्रतिशत की वृद्धि पाई गई है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर कुल 28 सर्वे क्रमांक का कुल रकबा 14.857 हेक्टेयर भूमि निजी स्वत्व पर पाया गया, कुल 7 सर्वे क्रमांक 13.032 हेक्टेयर भूमि शासकीय मद के पाये गये और कुल 6 सर्वे क्रमांक का कुल 3.478 हेक्टेयर भूमि व्यावर्तित पाई गई।

संचालक श्री सिंह ने बताया कि समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार पीथमपुर स्थित प्लांट क्षेत्र में पास के नाले में प्रदूषित लाल पानी आने और उससे लोगों को स्किन इंफेक्शन, श्वांस संबंधी परेशानी के संबंध में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल के स्किन एक्सपर्टस् और आईसीएमआर के शोध वैज्ञानिकों तथा विभाग के संबंधित चिकित्सकों की टीप गठित कर संबंधित 12 गांवों में ‘स्वास्थ्य सर्वेक्षण’ कराया गया।

  • admin

    Related Posts

    एयर प्यूरीफायर पर टैक्स कम करने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, केंद्र से तलब किया विस्तृत जवाब

    नई दिल्ली  एयर प्यूरीफायर पर लगाए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को कम करने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है।…

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल और क्रिकेट स्टेडियम का करेंगे लोकार्पण

    भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 27 दिसम्बर को सतना जिले को 652 करोड 54 लाख रूपये लागत के विकास कार्यो की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सतना शहर में 31…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    धर्म

    राशिफल 27 दिसंबर 2025: मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों का आज का हाल

    राशिफल 27 दिसंबर 2025: मेष से मीन तक, सभी 12 राशियों का आज का हाल

    मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

    मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

    पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

    पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

    आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

    आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

    तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ

    तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ

    महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें

    महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें