मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के IAS, IPS और IFS अधिकारियों से 31 जनवरी तक अपनी संपत्तियों का पूरा ब्योरा प्रस्तुत करने का आदेश दिया

भोपाल

मध्य प्रदेश में 850 से ज्यादा आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), और आईएफएस (IFS) अधिकारियों को अपनी और अपनी पत्नी के नाम पर मौजूद संपत्तियों का विवरण 17 दिनों के भीतर शासन को प्रस्तुत करना होगा। यह विवरण देशभर में मौजूद उनकी संपत्तियों की जानकारी देगा, जिसमें संपत्ति की खरीद की तिथि, खरीदते समय की कीमत, और वर्तमान बाजार मूल्य का उल्लेख करना अनिवार्य है।

मंत्री स्टाफ के कर्मचारियों पर भी निर्देश लागू

राज्य सरकार ने केवल वरिष्ठ अधिकारियों तक ही निर्देश सीमित नहीं रखे हैं। मंत्री स्टाफ के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों, जैसे सहायक अनुभाग अधिकारी, सहायक ग्रेड-2, ग्रेड-3, स्टेनो टाइपिस्ट, और तकनीकी संवर्ग के कर्मचारियों को भी अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना होगा।

सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने आईएएस अधिकारियों के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी अफसरों को अपनी संपत्तियों का विवरण 31 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन फॉर्मेट में अपलोड करना होगा। इसके अलावा, हार्ड कॉपी भी शासन को प्रस्तुत करनी होगी।

मध्य प्रदेश में कुल 459 स्वीकृत आईएएस पदों में से 382 पर अधिकारी कार्यरत हैं। इसी प्रकार, 296 स्वीकृत आईएफएस पदों में से 215 पर अधिकारी और 319 स्वीकृत आईपीएस पदों में से 271 पर अधिकारी कार्यरत हैं।

केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (DoPT) ने पहले ही इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता को बढ़ाने और शासन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

केंद्र के निर्देशों का पालन
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, जिनके अनुसार आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के लिए अपनी संपत्तियों का विवरण देना अनिवार्य है। सभी अधिकारी 1 जनवरी से 31 जनवरी 2025 के बीच इस विवरण को ऑनलाइन तय फॉर्मेट में अपलोड करेंगे और साथ ही इसकी हार्ड कॉपी भी शासन को भेजेंगे।

अधिकारियों- कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों के बारे में निम्नलिखित विवरण देना होगा:

    संपत्ति का स्थान – संपत्ति कहां स्थित है, यह बताना होगा।
    खसरा नंबर और क्षेत्रफल – संपत्ति का खसरा नंबर और उसका क्षेत्रफल भी दर्ज करना होगा।
    खरीद मूल्य और वर्तमान बाजार मूल्य – संपत्ति कब खरीदी गई, उसका मूल्य क्या था और वर्तमान में उसका बाजार मूल्य क्या है, यह विवरण भी अनिवार्य है।
    पैतृक संपत्ति – यदि संपत्ति पूर्वजों से मिली है, तो उसका भी ब्योरा देना होगा।
    मध्यप्रदेश के बाहर स्थित संपत्ति – यदि संपत्ति राज्य के बाहर है, तो उसकी जानकारी भी दी जानी होगी।

मंत्री स्टाफ के कर्मचारी भी देंगे रिपोर्ट
इसके साथ ही, राज्य मंत्रालय ने तृतीय श्रेणी कर्मचारियों, सहायक अनुभाग अधिकारियों, सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3 और अन्य मंत्रालयीन कर्मचारियों से भी उनकी संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। यह ब्योरा 31 दिसंबर 2024 की स्थिति में देना होगा।
 

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