संस्कारों की मिसाल: डॉ. अभिमन्यु-डॉ. इशिता ने रचाई शादी, उज्जैन में 21 कन्याओं का सामूहिक विवाह

उज्जैन
उज्जैन के पावन शिप्रा तट पर रविवार को परोपकार और परंपरा का अद्वितीय संगम देखा गया, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पुत्र डॉ. अभिमन्यु और डॉ. इशिता के साथ 21 कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्पन्न कर समाज के सामने मानवीय मूल्यों की मिसाल प्रस्तुत की। विवाह परिसर दिनभर मंगलध्वनियों, उत्साह और आशीर्वादों से सराबोर रहा। सुबह आठ बजे इम्पीरियल चौराहा से बरात रवाना हुई। ढोल–ताशों और लोकनृत्य की रौनक के बीच शोभायात्रा में मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट सहित कई मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि और गणमान्य अतिथि शामिल रहे। विवाह स्थल पहुंचते ही आकर्षक मंच पर सभी नवयुगलों की वरमाला रस्म सम्पन्न कराई गई, जिसके बाद पूरा परिसर तालियों और शुभकामनाओं से गूंज उठा।
 
आशीर्वाद समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल तथा योग गुरु बाबा रामदेव की विशेष उपस्थिति रही। राज्यपाल और बाबा रामदेव ने इस आयोजन को सामाजिक उत्तरदायित्व, संस्कार और संवेदनशीलता का प्रेरक उदाहरण बताया। इसके बाद 22 विशेष रूप से निर्मित मंडपों में एक साथ पाणिग्रहण और सप्तपदी की रस्में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुईं। यादव परिवार ने प्रत्येक नवविवाहित दंपती को संपूर्ण गृहस्थी सामग्री और मोटरसाइकिल भेंट कर नया जीवन शुरू करने के लिए सहयोग का भाव व्यक्त किया। बिना उपहार के केवल आशीर्वाद स्वीकार करने का निवेदन आयोजन की सबसे विशेष भावनात्मक पहचान बना। सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था और सटीक प्रबंधन के बीच समारोह सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। शिप्रा तट पर हुआ यह अनोखा आयोजन सामाजिक सद्भाव, संवेदना और साझा उल्लास की अमिट याद छोड़ गया।

सब दूल्हा-दुल्हन महाराज समान हैं
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- 16 संस्कारों से हमारा सनातन संस्कृति से जुड़ाव है। ये प्रधानमंत्री के मूल भाव सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा पर हम काम कर रहे। यहां कोई बड़ा नहीं, कोई छोटा नहीं। सब दूल्हा- दुल्हन महाराज समान है। सब आज लखपति हो गए।
 
ऐसे कार्य से समरसता आएगी
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- संपूर्ण भारत में आज नवाचार हुआ। सामाजिक समरसता का संदेश आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी ही सहजता से दिया है। ये अभूतपूर्व कार्य है। ऐसे कार्य से समरसता आएगी, बेटी के पिता पर ना कर्ज होगा ना विवाह पर ज्यादा खर्च। बाबा रामदेव ने कहा- वेडिंग डेस्टिनेशन का कांसेप्ट सराहनीय है। देश का धन देश में ही खर्च होना चाहिए। मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र गिरी महाराज, हरीगिरी महाराज, नरोत्तम मिश्र भी समारोह में शामिल हुए।

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