पलारी की आवर्धन जलप्रदाय योजना के लिए 15 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी

रायपुर
अवर सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला बीजापुर, विकासखंड भैरमगढ़ के भैरमगढ़ नगर की आवर्धन जलप्रदाय योजना की पुनरीक्षित लागत 20 करोड़ 85 लाख 47 हजार रूपए की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृति प्रशासकीय स्वीकृति में आकस्मिक शुल्क 1 प्रतिशत की पूर्व  स्वीकृति 15.78 लाख रूपए तक सीमित करने की शर्त पर प्रदान की गई है। इस योजना का वित्तीय ढांचा 70 प्रतिशत अनुदान एवं 30 प्रतिशत ऋण पर आधारित होगा।

इस योजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाना आवश्यक होगा। योजना के कार्यों हेतु निविदा आमंत्रण के पूर्व कार्य विभाग के प्रावधानों के तहत् विस्तृत प्राक्कलन बनाकर सक्षम अधिकारी से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किया जाना आवश्यक है। इस योजना के पूर्ण होने के बाद संधारण एवं संचालन का उत्तरदायित्व मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत भैरमगढ़, जिला बीजापुर का होगा।

पलारी की आवर्धन जलप्रदाय योजना
अवर सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला बलौदाबाजार-भाटापारा विकासखंड पलारी स्थित पलारी नगर की आवर्धन जलप्रदाय योजना की पुनरीक्षित लागत 15 करोड़ 43 लाख 97 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति पदान की गई है। यह प्रशासकीय स्वीकृति आकस्मिक शुल्क 1 प्रतिशत की पूर्व  स्वीकृति 10.55 लाख रूपए तक सीमित करने की शर्त पर प्रदान की गई है।

इस योजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाना आवश्यक होगा। योजना के कार्यों हेतु निविदा आमंत्रण के पूर्व कार्य विभाग के प्रावधानों के तहत् विस्तृत प्राक्कलन बनाकर सक्षम अधिकारी से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किया जाना आवश्यक है। इस योजना के पूर्ण होने के बाद संधारण एवं संचालन का उत्तरदायित्व मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत पलारी, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा का होगा।

लैलूंगा आवर्धन जलप्रदाय योजना
अवर सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला रायगढ़, विकासखंड लैलूंगा के लैलूंगा नगर की आवर्धन जलप्रदाय योजना की पुनरीक्षित लागत 18 करोड़ 1 लाख 4 हजार रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। स्वीकृति राशि में आकस्मिक शुल्क 1 प्रतिशत की पूर्व  स्वीकृति 11.53 लाख रूपए तक सीमित करने की शर्त पर प्रदान की गई है। इस योजना का वित्तीय ढांचा 70 प्रतिशत अनुदान एवं 30 प्रतिशत ऋण पर आधारित होगा।

इस योजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाना आवश्यक होगा। योजना के कार्यों हेतु निविदा आमंत्रण के पूर्व कार्य विभाग के प्रावधानों के तहत् विस्तृत प्राक्कलन बनाकर सक्षम अधिकारी से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किया जाना आवश्यक है। इस योजना के पूर्ण होने के बाद संधारण एवं संचालन का उत्तरदायित्व मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत लैलूंगा, जिला रायगढ़ का होगा।

  • admin

    Related Posts

    प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: गड़बड़ी मिलने पर दो राशन दुकानों का संचालन बंद

    रायपुर  सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान में ई-पॉस मशीन के माध्यम से आधार आधारित प्रमाणीकरण कर राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। अधिकारियों की टीम ने…

    सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह- 2026 के लिए तय किया गया ‘जीरो फेटेलिटी’ का लक्ष्य

    परिवहन, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज और सूचना विभाग समन्वित रूप से चलाएगा प्रदेशव्यापी अभियान नो हेलमेट, नो फ्यूल का चलेगा प्रदेशव्यापी अभियान, दोपहिया वाहन चालकों को किया जाएगा जागरूक…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    धर्म

    मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

    मौत को मात देकर शिवभक्त बना एकमात्र अंग्रेज, पत्नी के तप और बैजनाथ महादेव से जुड़ी चमत्कारी कथा

    पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

    पानी में चलकर होते हैं दर्शन! 300 मीटर गुफा में छिपी है नरसिंह मंदिर की रहस्यमयी दुनिया

    आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

    आज का राशिफल 26 दिसंबर: सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल पढ़ें

    तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ

    तुलसी पूजन दिवस: संध्या समय अपनाएं ये सरल उपाय, मिलेगा कई गुना लाभ

    महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें

    महाशिवरात्रि 2026: कब करें पूजा और उपवास, तारीख अभी नोट करें

    नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य

    नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य