मोटर वाहन अधिनियम में सरकार ने बदलाव का रखा प्रस्ताव, दुर्घटना दावों के लिए 12 महीने की समय-सीमा

नई दिल्ली

सड़क परिवहन मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधनों का प्रस्ताव दिया है। जिसमें मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) को दावों के समाधान के लिए 12 महीने की समय-सीमा देना और मोटरसाइकिलों को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज (अनुबंध गाड़ी) के तहत शामिल करके उनके व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति देना शामिल है। इसमें रैपिडो और उबर जैसे एग्रीगेटर्स द्वारा उनके उपयोग की अनुमति देना भी शामिल है।

कॉन्ट्रैक्ट कैरिज का मतलब यात्रियों को ले जाने के लिए किराए पर लिए गए वाहन हैं। जबकि मौजूदा कानून कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के तहत सभी वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति देता है। वहीं, प्रस्तावित संशोधन का मकसद मोटरसाइकिलों के संबंध में कानूनी स्पष्टता प्रदान करना है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह कुछ राज्यों द्वारा राइड-हेलिंग सर्विस के लिए दोपहिया वाहनों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के मद्देनजर किया गया है। इसके अलावा, मंत्रालय यात्री सुरक्षा को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए मोटरसाइकिलों को शामिल करने के लिए 'कैब एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस' को संशोधित कर रहा है।

संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले 67 प्रस्तावित संशोधनों में 'शैक्षणिक संस्थानों की बसों' की नई परिभाषा और हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) को उनके सकल भार (ग्रॉस वेट) के आधार पर वर्गीकृत करने का प्रस्ताव शामिल है। पहली बार, तिपहिया वाहनों की परिभाषा भी सुझाई गई है। ये बदलाव सुप्रीम कोर्ट के एक मामले के बाद किए गए हैं।

एक प्रमुख संशोधन में 'शैक्षणिक संस्थान बस' को किसी भी वाहन के रूप में फिर से परिभाषित करने की कोशिश की गई है। जिसमें चालक को छोड़कर छह से ज्यादा व्यक्ति होते हैं, जो छात्रों और कर्मचारियों के परिवहन के लिए संस्थान द्वारा स्वामित्व में, लीज पर या किराए पर लिया जाता है। मंत्रालय ने ड्राइवरों और नियोक्ताओं की जवाबदेही बढ़ाने के लिए ऐसी बसों द्वारा किए गए ट्रैफिक उल्लंघन के लिए दंड को दोगुना करने का भी प्रस्ताव किया है।
 
सरकार सुप्रीम कोर्ट को दिए गए आश्वासन को पूरा करने के लिए शीघ्र संसदीय मंजूरी के लिए दबाव बना रही है। जो इस बात की जांच कर रहा है कि क्या हल्के वाहन लाइसेंस वाला व्यक्ति 7,500 किलोग्राम तक के भार रहित परिवहन वाहन को चला सकता है। जिसे 'माल हल्के मोटर वाहन' के रूप में जाना जाता है।

एक अन्य प्रस्तावित संशोधन राज्यों को कैब एग्रीगेटर्स, ऑटोमेटेड टेस्ट स्टेशनों (एटीएस) और 'मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों' के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। जिसके लिए आवेदन जमा करने के छह महीने के भीतर फैसला लेना आवश्यक होगा। अगर राज्य इस समय सीमा के भीतर कार्रवाई करने में नाकाम रहते हैं, तो केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को प्राथमिकता दी जाएगी।

admin

Related Posts

हिंदू, ईसाई और सिख समुदाय बांग्लादेश में हिंसा का शिकार, दुनिया ने जताई चिंता

नई दिल्ली बांग्लादेश में हिंदुओं सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता और नाराजगी देखी जा रही है. हालात ऐसे हैं कि केवल…

8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर का असर, पूरी सैलरी कैलकुलेशन समझें

नई दिल्ली सातवें वेतन आयोग की समय-सीमा 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है। ऐसे में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य

नाग पाशम मंत्र और पद्मनाभस्वामी मंदिर: दरवाज़े के पीछे छुपा सदियों पुराना रहस्य

1 जनवरी को खास योग का निर्माण, इन शुभ कार्यों से पूरे साल चमकेगा भाग्य

1 जनवरी को खास योग का निर्माण, इन शुभ कार्यों से पूरे साल चमकेगा भाग्य

25 दिसंबर का राशिफल: नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा असर, जानें 12 राशियों का हाल

25 दिसंबर का राशिफल: नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा असर, जानें 12 राशियों का हाल

राशिफल 2026: सफलता और तरक्की के लिए इन बातों का रखें ध्यान, सभी राशियों का वार्षिक भविष्य

राशिफल 2026: सफलता और तरक्की के लिए इन बातों का रखें ध्यान, सभी राशियों का वार्षिक भविष्य

पौष पुत्रदा एकादशी 2024: 30 या 31 दिसंबर को व्रत? पढ़ें तिथि, मुहूर्त और महत्व

पौष पुत्रदा एकादशी 2024: 30 या 31 दिसंबर को व्रत? पढ़ें तिथि, मुहूर्त और महत्व

क्या एक गोत्र में शादी करने से जीवन में आती हैं परेशानियां? शास्त्र और मान्यताओं की पड़ताल

क्या एक गोत्र में शादी करने से जीवन में आती हैं परेशानियां? शास्त्र और मान्यताओं की पड़ताल