मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का इतिहास – एडमिरल दिनेश त्रिपाठी

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा है। सेना को नवीन तकनीक के नवीनतम हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता कम करते हुए स्वदेशी लड़ाकू विमान और हथियार निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। अब हम सिर्फ युद्ध का जवाब ही नहीं देते बल्कि घर में घुसकर मारते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 ईएमई सेंटर भोपाल में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की देश भक्ति और समर्पण में वर्तमान सेना की नींव रखी है। जब भी मौका पड़ा आप सभी ने वीरता और शौर्य का परिचय देकर भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की है। भारत के साथ और भी देश आजाद हुए थे। लेकिन वर्तमान समय में विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र यदि जीवित है तो यह भारतीय सेना के कारण ही संभव हुआ है। सेना ने देश की सीमाओं की रक्षा कर लोकतंत्र को जीवित रखा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय सेना के भूतपूर्व सैनिकों के अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रदेश की जनता की ओर से अभिनंदन किया।

मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी रहा है। यहाँ सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफल संचालन हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेना और उनके परिवारों के लिए कल्याणकारी निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध एवं सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सेना/केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शहीदों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि और एक आश्रित को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्ति दी जाएगी। सहायता राशि का आधा अंश शहीद की पत्नी को और आधा अंश आश्रित माता-पिता को दिया जाएगा। शहीदों के माता-पिता को दी जाने वाली मासिक अनुदान की राशि बढ़ाकर 10 हजार रूपये और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रुपये की गई है। प्रदेश में निवासरत द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं उनकी पत्नियों की पेंशन 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह की गई है, जो देश में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश निवासी ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की गई है। राज्य शासन द्वारा विभिन्न शौर्य एवं विशिष्ट सेवा अलंकरणों से सम्मानित सैनिकों एवं उनके आश्रितों को सर्वाधिक सम्मान राशि दी जाती है। भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, विकलांग सैनिकों एवं आश्रितों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता तथा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

भूतपूर्व सैनिकों को शासकीय नौकरियों में आरक्षण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा किप्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल एजुकेशन, लॉ सहित विभिन्न कोर्सेस में आरक्षण दिया जाता है। सभी सरकारी विभागों के ग्रुप सी एवं डी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण के साथ जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 स्तर पर कर्मचारियों के पदों में वृद्धि करने कानिर्णय लिया गया है। शासन की योजनाओं के अंतर्गत जमीन के लिए सैनिकों को आरक्षण दिया जाता है।

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